उदासीनता. पटना-गया रेलखंड के पैसेंजर भगवान भरोसे करते हैं सफर
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ट्रेनें चलती हैं 22 और पेट्रोलिंग दो में
उदासीनता. पटना-गया रेलखंड के पैसेंजर भगवान भरोसे करते हैं सफर जहानाबाद रेल थाने में बलों की है कमी विधि-व्यवस्था संभालने में पुलिसकर्मियों को हो रही है परेशानी जहानाबाद : दानापुर रेल मंडल का एक प्रमुख मार्ग है पटना-गया रेलखंड, जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में महिलाएं-पुरुष भगवान भरोसे यात्रा करते हैं. इसका कारण है जहानाबाद […]
जहानाबाद रेल थाने में बलों की है कमी
विधि-व्यवस्था संभालने में पुलिसकर्मियों को हो रही है परेशानी
जहानाबाद : दानापुर रेल मंडल का एक प्रमुख मार्ग है पटना-गया रेलखंड, जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में महिलाएं-पुरुष भगवान भरोसे यात्रा करते हैं. इसका कारण है जहानाबाद रेल थाने में स्वीकृत पदों के विरुद्ध बलों का उपलब्ध नहीं होना. जो सुरक्षा बल हैं उनके पास शस्त्र भी नहीं है. लाठी रूपी अस्त्र के सहारे उक्त रेलखंड में ट्रेनों और प्लेटफॉर्मों पर पेट्रोलिंग की खानापूर्ति की जा रही है. वर्ष 2005 में माओवादियों के जेल ब्रेक कांड की घटना के बाद रेल पुलिसकर्मियों से राइफलें वापस ले ली गयी थी.
वह आज तक उपलब्ध नहीं करायी गयी. जहानाबाद रेल थाने की स्थापना वर्ष 1988 में हुई थी. उस वक्त से ही थानाध्यक्ष, दो एसआई, तीन एएसआई, दो हवलदार, दस सिपाही, एक महिला सिपाही और एक साक्षर सिपाही का पद स्वीकृत है. इसमें फिलहाल एक-एक एसआई और एएसआई के अलावा चार आरक्षियों की कमी है. हालांकि हवलदारों की संख्या दो के बजाय चार है. ट्रेनों में और प्लेटफॉर्मों पर तीन शिफ्टों में पेट्रोलिंग करना है लेकिन ऐसा नहीं होता. पुलिस बलों की कमी के कारण पेट्रोलिंग के मापदंड पूरे नहीं किये जाते. प्रावधान के मुताबिक एक हवलदार और चार आरक्षियों से गश्त लगाने की व्यवस्था है, लेकिन दो सिपाही ही पेट्रोलिंग पर लगाया जाता है.
चोरी व पॉकेटमारी से सशंकित रहते हैं यात्री
पीजी रेलखंड में अप और डाउन लाइन में 36 एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता है. इसमें पैसेंजर ट्रेनों की संख्या 22 है. एक्सप्रेस ट्रेनों में पटना या गया से गश्ती दल सवार होता है, लेकिन पैसेंजर ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे रहती है. 22 ट्रेनों में सिर्फ 63255 अप और 63260 डाउन सवारी गाड़ी में ही जहानाबाद रेल थाने की पुलिस गश्त करने के लिए सवार होती है. वह भी सिर्फ रात में जहानाबाद और गया स्टेशनों के बीच. जबकि, उक्त रेलखंड में अक्सर दिन-दहाड़े यात्रियों के थैले, मोबाइल फोन या पर्स चोर-उच्चकों या पॉकेटमार उड़ा ले जाता हैं. जहानाबाद रेल थाने का एरिया बेला दक्षिणी आउटर सिग्नल से नदौल दक्षिणी आउटर सिग्नल तक का है. पटना-जहानाबाद के बीच तारेगना स्टेशन पर पुलिस पोस्ट की व्यवस्था है जो जहानाबाद रेल थाने के ही अधीन है. कहने का मतलब है कि बेला से पुनपुन तक जहानाबाद जीआरपी को सुरक्षा के लिहाज से चौकसी बरतनी होती है, लेकिन बलों और संसाधनों की कमी से ऐसा नहीं हो पाता. दिन हो या रात यात्री चोर-उच्चकों के डर से सहमे-सहमे यात्रा करते हैं.
उपलब्ध बलों से बरती जाती है चौकसी
मैं दो दिनों पूर्व ही कार्यभार संभाला हूं. रेल थाना क्षेत्र में यात्रियों को सुरक्षित यात्रा करने के हर संभव प्रयास किये जायेंगे. उपलब्ध बलों और संसाधनों के सहारे पूरी चौकसी बरती जायेगी. प्लेटफॉर्मों और ट्रेनों में पेट्रोलिंग सख्त की जायेगी, ताकि चोरे-उच्चके, पॉकेटमार दुस्साहस न कर सकें.
अमरूद्दीन खां, रेल थानाध्यक्ष
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