जहानाबाद नगर : बाल विवाह व दहेज प्रथा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कला जत्था के कलाकारों का चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण गुरुवार से शुरू हुआ. शहर के राज दरबार होटल में आयोजित प्रशिक्षण का उद्घाटन एसडीओ डाॅ नवल किशोर चौधरी एवं जिला पर्षद अध्यक्ष आभा रानी ने संयुक्त रूप से किया. इस मौके पर एसडीओ ने कहा कि समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए समाज के लोगों को ही आगे आना होगा. जहां चाह, वहां राह की कहावत को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि राजा राममोहन राय ने देश में सती प्रथा का अंत करने के लिए अभियान छेड़ा था. आज देश में सती प्रथा पूर्ण रूप से समाप्त हो गयी है.
उन्होंने सरकार की मंशा की तारीफ करते हुए कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा भी सामाजिक कुरीति है. इसका नकारात्मक प्रभाव समाज को ही झेलना पड़ रहा है. उन्होंने समाज के लोगों से इन दोनों कुरीतियों को समाप्त करने के लिए आगे आने की अपील की. कला जत्था के कलाकारों का हौसला अफजाई करते हुए उन्होंने कहा कि संगीत और नाटक लोगों को जागरूक करने का सशक्त माध्यम है. लोग गीत और संगीत के माध्यम से सामाजिक संदेशों को आसानी से समझ लेते हैं.
जिला पर्षद अध्यक्ष ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस दौरान क्षेत्र में कई विचार के लोग मिलेंगे, लेकिन हमें अपने पथ पर अडिग और अग्रसर रहने की जरूरत है. उन्होंने अपने शादी की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी शादी बिना दहेज की हुई है. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे समाज में लोग दहेज प्रथा को नकार रहे हैं. उन्होंने कलाकारों को ईमानदारीपूर्वक काम करके लोगों को जागरूक करने की अपील की. इस मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी डाॅ प्रिय नंदन प्रसाद और डीपीओ अश्विनी कुमार ने भी अपने विचार रखें. मुख्य कार्यक्रम समन्वयक मुकेश कुमार गौतम ने कार्यक्रम की रूपरेखा और आगे की योजना पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के बाद जिले के सभी 93 पंचायतों में कला जत्था के कलाकार गीत और नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगे. इससे पूर्व कला जत्था के टीम निदेशक विश्वजीत अलबेला और अरविंद आजांश के नेतृत्व में कलाकारों ने स्वागत गीत और बाल-विवाह उन्मूलन पर रचित गीत की प्रस्तुति कर अपने कला का प्रदर्शन किया. कार्यक्रम का संचालन साक्षरता कर्मी संतोष श्रीवास्तव ने किया.