जमुई : भाकपा माले जिला इकाई द्वारा सोमवार को राज्यव्यापी विरोध दिवस के तहत कचहरी चौक पर नोट बंदी के विरुद्ध एक दिवसयी धरना प्रदर्शन का किया गया. मौके पर उपस्थित जिला सचिव शंभूशरण सिंह ने कहा कि बीते आठ नवंबर को केंद्र की सरकार ने एक हजार और पांच सौ के नोट को आमान्य कर देश में आर्थिक आपातकाल लागू कर दिया गया है.
देश में तमाम जनजीवन अस्त व्यस्त हो कर रह गया है. प्रधानमंत्री अपने पुराने बादे से मुकर कर जनता का ध्यान भटकाने को लेकर इस तरह का काम करने लगे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोटी चुनाव के समय आमजन से कहा था की विदेशी बैंकों में जमा करोड़ों रुपया कालाधन को मैं देश में लाकर सभी गरीब के खाते में 15-15 लाख जमा करवाउंगा. लेकिन वो काला धन तो ला नहीं सके बल्कि देश में चलित 14 लाख करोड़ रुपये पर रोक लगा कर अर्थव्यवस्था को धाराशाही कर दिया है. उनका कहना है कि कालाधन पर इसी प्रकार रोक लगाया जायेगा जो बिल्कुल झुठ है.
कालाधन सरकार के भ्रष्ट नीति से पैदा हो रही है. हमारी पार्टी यह मांग करती है कि मुद्रा विमुद्रीकरण को वापस लिया जाये, ताकि देश में आर्थिक आपातकाल जैसे जो हालात बने हैं वह खत्म किया जा सके. सभा को संबोधित करते हुए एक्टू प्रभारी वासुदेव राय ने कहा कि सरकार द्वारा नोट बंदी का जो फैसला लिया गया है वो बिल्कुल देश की जनता के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि भारत में विमुद्रीकरण पहली बार नहीं हुआ है. इसके पहले भी वर्ष 1946 में 1000 और 10,000 का नोट बंद किया गया था. जिसे दुबारा वर्ष 1954 में 1000,5000 व 10,000 के नोट के रूप में जारी किया गया .
हलांकि बाद में इसे मोरारजी देशाई सरकार द्वारा जनवरी 1978 में रद्द कर दिया गया था परंतु काले धन पर कहीं रोक नहीं लग सका. सभा को किसान सभा के जिला सचिव मनोज पांडेय ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है. किसान कर्ज में डूब कर आत्म हत्या कर रहे हैं. पर सरकार द्वारा उनकी कोई खोज खबर नहीं ली जाती है. इस दौरान कामरेड कल्लु मरांडी, शिवन राय, सवीता देवी, नरेश यादव सहित दर्जनों सदस्य मौजूद थे.