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30 लाख का इनामी नक्सली चिराग दा मुठभेड़ में मारा गया

कामयाबी. पुलिस ने दो घंटे तक नक्सलियों से लड़ी जंग एक दशक से सक्रिय था भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर जमुई/सोनो : जमुई में पुलिस व नक्सलियों के बीच दो घंटे तक चली मुठभेड़ में भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर चिराग दा मारा गया. चिराग दा पर झारखंड सरकार ने 25 लाख व बिहार सरकार […]

कामयाबी. पुलिस ने दो घंटे तक नक्सलियों से लड़ी जंग

एक दशक से सक्रिय था भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर

जमुई/सोनो : जमुई में पुलिस व नक्सलियों के बीच दो घंटे तक चली मुठभेड़ में भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर चिराग दा मारा गया. चिराग दा पर झारखंड सरकार ने 25 लाख व बिहार सरकार ने पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी थी.

मुठभेड़ शुक्रवार की देर रात जमुई के सोनो प्रखंड के चरकापत्थर थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित कथावर व खिजरा के पहाड़ पर हुई. पुलिस ने घटनास्थल से लूटी गयी रायफल सहित कई हथियार भी बरामद किया है. हाल के दिनों में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई है. चिराग दा प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के पूर्वी बिहार व पूर्वोत्तर झारखंड जोन का कमांडर था.

चिराग पर बिहार व झारखंड के कई थानाें में मामले दर्ज हैं. कई बड़ी घटनाओं में भी चिराग मुख्य आरोपित रहा है जिसमें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के पुत्र की हत्या भी शामिल है. मुठभेड़ में एएसपी अभियान डीएन पांडे भी जख्मी हुए हैं. पुलिस का कहना है कि चिराग के अलावा और भी नक्सलियों को गोली लगी है लेकिन सभी जंगल का फायदा उठा कर फरार होने में सफल रहे.

जंगल में जगह-जगह मिले खून के निशान भी इसके गवाह हैं. सीआरपीएफ के आइजी शैलेंद्र कुमार व डीआइजी केके सिंह ने बताया कि झारखंड के बोकारो के समीप नावाडीह निवासी रामचंद्र महतो उर्फ जोधन उर्फ चिराग दा प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के पूर्वी बिहार व पूर्वोत्तर झारखंड का जोनल कमांडर था़

मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने बताया कि चरकापत्थर थाना क्षेत्र के कथावर व खिजरा के बीच पहाड़ी पर जिला पुलिस व पारा मिलिट्री की टीम से नक्सलियों की हुई मुठभेड़ के दौरान जवानों ने चिराग दा को मार गिराया. शनिवार की सुबह जवानों ने मुठभेड़ की जगह से चिराग दा के शव को बरामद किया़ उसके शव के समीप पुलिस की लूटी हुई एक रायफल भी मिली, जबकि शव से कुछ दूर दो अन्य देशी राइफल, एक पिस्टल व कुछ जिंदा कारतूस पुलिस ने बरामद किया है़

घटना की सूचना मिलते ही सीआरपीएफ के बिहार आइजी शैलेन्द्र कुमार बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से चरकापत्थर पहुंचे़ उनसे पूर्व सीआरपीएफ के डीआइजी केके सिंह ने भी चरकापत्थर थाना में पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया़ आइजी श्री कुमार ने एसपी, सीआरपीएफ कमांडेंट, एसएसबी कमांडेंट, एसपी अभियान सहित तमाम पुलिस अधिकारियों व जवानों की हौसला आफजाई करते हुए उन्हें शाबाशी दी और पुरस्कृत भी किया़ इधर चिराग के शव को पोस्टमार्टम के लिए जमुई भेज दिया गया़ नक्सली कमांडर की मौत से पुलिस ने राहत की सांस ली है़ बताते चलें कि इस इलाके में कई नक्सली वारदातों को अंजाम देने वाले चिराग दा की तलाश कई वर्षोँ से जिला पुलिस व पारा मिलिट्री फोर्स द्वारा की जा रही थी़ चिराग के मारे जाने को पुलिस बड़ी कामयाबी के रूप में देख रही है़

मुठभेड़ में एएसआइ शहीद

मुंगेर/लखीसराय : माओवादियों के विरुद्ध चले सर्च अभियान के दौरान शनिवार को मुंगेर-लखीसराय के सीमावर्ती क्षेत्र लठिया कोल पहाड़ पर भी पुलिस एवं नक्सली के बीच मुठभेड़ हो गयी. इसमें नक्सली की गोली से धरहरा थाना में पदस्थापित अवर निरीक्षक भवेश कुमार शहीद हो गये.

जवाबी कार्रवाई में पुलिस की ओर से चलायी गयी गोली से सुरेश कोड़ा नामक युवक घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए लखीसराय अस्पताल भेजा गया है. भवेश कुमार बेगूसराय जिले के साहबपुर कमाल थाना क्षेत्र के चौकिया शादपुर गांव का रहने वाला था. पुलिस इसे नक्सली कार्रवाई मान रही है जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि ललन कोड़ा को बेवजह पकड़ा गया था.

हालांकि इस घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने लखीसराय जिले के पीरीबाजार थाना क्षेत्र को घेर लिया और जम कर रोड़ेबाजी की. स्थिति इतनी उग्र हो गयी कि पुलिस को गोली चलानी पड़ी.

पुलिस के तेवर देख ग्रामीण पीछे हटे.

बताया जाता है कि मुंगेर एवं लखीसराय पुलिस ने शनिवार को लठिया कोल एवं बंगाली बांध क्षेत्र में माओवादियों के विरुद्ध सर्च अभियान चलाया था. जिसमें मुंगेर के एएसपी अभियान नवीन कुमार एवं एसएसबी के सहायक समादेष्टा अमित कुमार के नेतृत्व में एसएसबी की दो कंपनी व धरहरा थाना के अवर निरीक्षक भवेश कुमार शामिल थे. सर्च अभियान से लौटने के दौरान पुलिस लठिया कोल में ललन कोड़ा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने लगी. इसी बीच तीर-गीजर व हथियार से लैस नक्सलियों ने ग्रामीण के साथ मिल कर पुलिस को घेर लिया. एएसपी अभियान नवीन कुमार के अनुसार इसमें महिलाएं व युवतियां भी शामिल थीं.

स्थिति की नजाकत को देख कर पुलिस ने ललन कोड़ा को तो छोड़ दिया लेकिन नक्सली व ग्रामीणों ने पुलिस दल पर हमला बोल दिया. नक्सलियों द्वारा चलायी गयी गोली अवर निरीक्षक भवेश कुमार के गर्दन में लगी और वह वहीं गिर गया. जवाबी कार्रवाई में एसएसबी के जवानों ने भी फायरिंग की. जिसमें पीरी बाजार थाना क्षेत्र की चौरा राजपुर पंचायत के सुरेश कोड़ा के हाथ में गोली लगी. नक्सली व ग्रामीण के हमले में पुलिस काफी कमजोर पड़ गयी और किसी प्रकार घायल भवेश को कंधे पर उठा कर वहां से पीछे हटी.

बाद में खटिया पर लाद कर उसे पहाड़ से नीचे उतारा गया और धरहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. इधर घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा धरहरा पहुंचे और आनन-फानन में प्राथमिक उपचार के बाद घायल दारोगा को मुंगेर सदर अस्पताल लाया. जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि लखीसराय के एएसपी ऑपरेशन राजीव कुमार के रिक्वेस्ट पर मुंगेर के एएसपी नवीन कुमार के नेतृत्व में एसएसबी व मुंगेर पुलिस के जवानों को नक्सली ऑपरेशन में भेजा गया था. जहां नक्सली मुठभेड़ में अवर निरीक्षक भवेश कुमार शहीद हो गया.

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