सोनो : ग्रामीण चिकित्सक प्रदीप वर्णवाल की हत्या से परिजनों के अलावे गांव के लोग भी काफी आहत थे़ सर से पिता का साया उठने का दर्द चारो पुत्र दिवाकर, प्रभाकर, भाष्कर व अंशुधर के चेहरे पर साफ दीख रहा था़ कोई फफक रहा था तो किसी की आंखों से अविरल अश्रु बह रहे थे़
ग्रामीणों के मुंह से आह निकल रहा था व मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैली और देखते देखते 6 किलोमीटर दूर लखनकियारी व आसपास के गांव से ग्रामीणों का हुजूम घटनास्थल पर उमड़ पड़ा़ सभी उनकी अच्छाइयों का जिक्र कर कहते यह अनर्थ हो गया़ मनोज वर्णवाल, चन्द्रिका वर्णवाल, बैद्यनाथ मंडल, संत कुमार, अशोक वर्णवाल, विद्या पासवान सहित कई ग्रामीण बताते है. कि वे एक बेहद अच्छे व सरल इंसान थे़ बतौर
ग्रामीण चिकित्सक वे सदैव अपनी सेवा देने को तत्पर रहते थे़ आखिर उनकी हत्या किसी ने क्यों कर दी समाज सेवा से जुड़े प्रदीप के पिता स्व़ जय नारायण वर्णवाल भी होमियोपैथ की चिकित्सा किया करते थे़ अपने पिता के सम्मान को और आगे बढ़ाने वाले प्रदीप की यूं हत्या होगी किसी ने सोचा भी नही था़