जमुई: जीतन राम मांझी का इस्तीफा हार नहीं, बल्कि हम सबों की रणनीति का पड़ाव है. हमलोग मिल कर यह योजना बना रहे हैं कि कैसे बिहार की धरती से दलित व अल्पसंख्यक विरोधी निरंकुश व तानाशाह लोगों का नाम मिटाया जाये.
आप लोग हमें विश्वास दिलायें कि इस काम में आप हमारा साथ देंगे. जनता की ताकत और मदद से ऐसे लोगों को सबक सिखायेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे. हम संकल्प लेते हैं कि नया बिहार बनायेंगे. उक्त बातें नरेंद्र सिंह ने स्व श्रीकृष्ण सिंह की 97वीं जयंती सह 25वें जिला स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही.
कृषि को पूरे राज्य में ऊंचे मुकाम पर ले गया : उन्होंने कहा कि 21 फरवरी 1991 को मेरे मंत्री रहते हुए जमुई जिला बना था. मेरे पिता समाजवादी आंदोलन के मसीहा थे. जमुई को जिला बने हुए 25 वर्ष पूरा हो चुका है. अब हम यह ढूंढ़ेंगे कि इन 25 वर्षो में जमुई में क्या हुआ. मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि 25 वर्ष में नयी यात्र की शुरुआत हुई. 2005 में मैं इस राज्य का तख्त बदल कर दूसरी बार मंत्री बना. 2005 के पूर्व 15 वर्षो तक सारे बिहार में त्रहिमाम था.
उसके विरुद्ध लड़ाई में आप लोग मेरे साथ थे. मेरे लहू का एक-एक कतरा आप सबों का ऋणी है. मैं कदम बढ़ाने के बाद अपनी गरदन देने को तैयार हूं. मुङो कुरसी की भूख पूर्व में भी नहीं थी और अब भी नहीं है. मैं कर्म करता हूं और फल की चिंता नहीं करता हूं.
नीतीश कुमार के मन में पाप था इसलिए उन्होंने मुङो मंत्री पद लेने को मजबूर किया. मैं कृषि को पूरे राज्य में ऊंचे मुकाम पर ले गया. जिला बना कर जनता को सुविधा देने का काम किया और यहां जिला स्तरीय सारे कार्यालय खुलवाया. क्या यह काम बुरा था. मैंने अपने बलबूते सड़कों को दुरुस्त करने और कानून व्यवस्था का राज कायम करवाया. क्या यह गलत है. मैंने अपनी मेहनत से जिले में दर्जनों पुल-पुलिया बनवाये.
गलत काम करने से मना किया, तो गले का कांटा बने मांझी : श्री सिंह ने कहा कि मैंने खून पसीना एक करके बरनार जलाशय योजना के लिए 1200 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाया. उसकी स्वीकृति मिल चुकी है और राशि का आवंटन होना बचा है. मैं खेतों में पानी पहुंचाने, गांव-गांव में चापाकल लगवाने और बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हूं. जीतन राम मांझी ने जब नीतीश कुमार के कहने पर गलत काम करने से मना कर दिया तो वे नीतीश कुमार के लिए कांटा बन गये. यह मिट्टी बहुत ही संवेदनहीन और बहुत ही कड़ी है. मैं जीतनराम मांझी का साथ अंत तक दूंगा.
छह महीने भी कुरसी के बगैर नहीं रह सके नीतीश : जनता ने यह देख लिया है कि नीतीश कुमार 6 महीने भी कुरसी के बगैर नहीं रह सकते हैं और वह पुन: बिहार को जंगलराज की ओर ले जा रहे हैं. इसकी मुखालफत हम जनता की अदालत में करेंगे. टोला सेवक, विकास मित्र, होम गार्ड व न्याय मित्र का वेतन बढ़ाने, सिपाही को 12 माह के काम के बदले 13 माह का वेतन देने का निर्णय लिया, किसानों को मुफ्त बिजली, ममता व आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने, नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने, महिलाओं को नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला हमलोगों ने लिया. तो क्या यह गलत है. उर्दू शिक्षकों का वेतन बढ़ाने, वित्त रहित विद्यालयों को सरकारी करने और उनके कर्मियों को नियोजित करने, गांव-गांव में सामूहिक शौचालय बनाने व उसकी देखरेख के लिए स्वच्छता कर्मी की नियुक्ति करने व कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार रुपया देने का निर्णय लिया. क्या यह अपराध है. आप सबों को लगता है कि मैंने कोई गलती की है तो इसकी सजा जरूर दीजिए.
ये लोग थे मौजूद : इस अवसर पर जमुई विधायक अजय प्रताप, चकाई विधायक सुमित कुमार सिंह, जिप अध्यक्ष राजेंद्र यादव, जिलाधिकारी शशिकांत तिवारी, एसपी उपेंद्र प्रसाद सिंह, एडीएम चौधरी अनंत नारायण, डीडीसी मृत्युंजय कुमार, सिविल सजर्न डॉ राम प्रताप सिंह, जिला कल्याण पदाधिकारी सत्यनारायण राम, डीसीएलआर संजय कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी किरण किशोर प्रसाद, जिला परिवहन पदाधिकारी दिलीप कुमार अग्रवाल, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मो शोएब, जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा, जिला अवर निबंधक राकेश कुमार, एसडीएम रमेंद्र कुमार, वरीय उप समाहर्ता सुभाष कुमार, श्रीमेधावी, निशिथ वर्मा, रवि राकेश, राम निरंजन चौधरी आदि मौजूद थे.