उक्त बातों की जानकारी फिल्म के मुख्य किरदार सह निर्माता दिलीप जयकिशोर पासवान ने स्थानीय शांति सिनेमा हॉल परिसर में दी. फिल्म के हीरो के उस लड़की से मोहब्बत होने की जानकारी मिलते ही मंत्री द्वारा हीरो और उसकी मां जानलेवा हमला करवा देते है.
लेकिन संयोगवश हीरो किसी तरह से बच जाता है और उसकी मुलाकात एक नक्सली संगठन के महिला सदस्य से हो जाती है. आगे चल कर वह लड़का पुलिस एनकाउंटर में मारा जाता है. इस फिल्म में नायक को अपनी मां की सेवा करते हुए भी दिखाया गया है. इस फिल्म की अधिकांश शूटिंग बिहार और झारखंड में हुई है. फिल्म में हीरोइन के रूप में ईशा व निशा ने अपना किरदार निभाया है.
जबकि खलनायक के रूप में ज्ञानदीप व पंकज रजक ने अपना किरदार निभाया है. वहीं जमुई के काकन गांव के मुक्कू जी व अलीगंज के इरफान खान इस फिल्म में सहयोगी कलाकार के रूप में हैं. फिल्म में प्रकाश अलबेला ने अपना संगीत दिया है. वहीं आबिद हुसैन इस फिल्म के निर्देशक हैं.