Bihar News: देशभर में गाड़ी से टक्कर मार कर भागने वालों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है. परिवहन विभाग के आंकड़ों को देखें, तो देशभर में बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हिट एंड रन के बाद पीड़ित परिवार या पीड़ितों को अनुदान लाभ देने में सबसे आगे है. विभाग के मुताबिक बिहार में हिट एंड रन के बाद कुल 4662 आवेदन अनुदान के लिए भेजे गये हैं.
जिनमें से 3279 आवेदन का भुगतान कर दिया गया यानी कुल 77 प्रतिशत आवेदनों का भुगतान कर दिया गया है. वहीं, दूसरे नंबर पर झारखंड 16 प्रतिशत, एमपी दो प्रतिशत, यूपी एक प्रतिशत, राजस्थान एक प्रतिशत और गुजरात में एक प्रतिशत आवेदकों की भुगतान किया गया है.
इन जिलों में धीमी गति से हो रहा आवेदनों का निबटारा
पटना सहित चार जिलों में सबसे बेहतर काम विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक पटना, पूर्णिया, बेतिया व लखीसराय में सबसे अधिक आवेदनों का निबटारा किया गया है. समस्तीपुर, दरभंगा, मुजफफरपुर, सीवान, सीतामढ़ी, मधुबनी, बेगूसराय, औरंगाबाद व मुंगेर में भुगतान के लिए पहुंचे आवेदनों का ठीक से निबटारा हो रहा है. लेकिन किशनगंज, बांका, मधुबनी, कैमूर, सहरसा, शेखपुरा, कटिहार और बांका में आवेदनों का निष्पादन सबसे धीरे हो रहा है. रिपोर्ट के आधार पर इन जिलों के डीटीओ को निर्देश भेजा गया है कि काम की गति को बढ़ाए.
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कुछ जगहों पर इस कारण से अनुदान देने में होती है देर
हिट एंड रन मामले में जेनरन इंश्योरेंस कंपनी घायलों को 50 हजार और मृतकों को दो लाख रुपये का अनुदान देती है. लेकिन बिहार में एक दर्जन से अधिक जिले ऐसे हैं, जहां दुर्घटना के बाद स्थल जांच में देर होने या रिपोर्ट तैयार करने में देर होने के कारण पीड़ितों को अनुदान समय से नहीं मिल पाता है. हिट एंड रन मामले में जब आवेदक मामले को लेकर आवेदन करते है, तो जांच प्रक्रिया में देर होती है.
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