अनुराग प्रधान, पटना. राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में करीब साढ़े चार हजार असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए इंटव्यू की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है. बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग कई विषयों की स्क्रूटनी भी कर चुका है.
इस बीच बिहार के स्थानीय अभ्यर्थियों को इस बात की चिंता सताने लगी थी कि उन्हें शिक्षण अनुभव के लिए मिलने वाले अंकों का लाभ मिलेगा या नहीं. आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में नियमानुसार नियुक्त अतिथि शिक्षकों को भी शिक्षण अनुभव के लिए मिलने वाले अंकों का लाभ दिया जायेगा.
इंटरव्यू सहित कुल 115 अंकों की नियुक्ति प्रक्रिया में आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन के अनुरूप शिक्षण या पोस्ट-डॉक्टोरल अनुभव पर एक वर्ष के लिए दो अंक व अधिकतम 10 अंक देने का प्रावधान है. अनुभव अवधि एक वर्ष से कम होने की स्थिति में अंक समानुपातिक रूप से घटाये जायेंगे.
अनुभव प्रमाणपत्र पर संबंधित विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के प्रतिहस्ताक्षर की अनिवार्यता है. यानी शिक्षण अनुभव के लिए मिलने वाले अंकों का लाभ केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को दिये जायेंगे, जिनके अनुभव प्रमाणपत्र पर संबंधित विश्वविद्यालय के रजिस्टर के काउंटर साइन यानी प्रतिहस्ताक्षर होंगे.
इसी तरह नियमानुसार बिहार के एफिलिएटेड कॉलेजों में काम करने वाले उन अभ्यर्थियों को भी अनुभव का लाभ दिया जायेगा, जिनकी नियुक्ति नियमानुसार होने के साथ निर्गत अनुभव प्रमाणपत्र पर रजिस्ट्रार के प्रतिहस्ताक्षर होंगे.
परिनियम के प्रारूप को तैयार करने वाले कमेटी के सदस्य मुंगेर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो आरके वर्मा के कहा कि स्वीकृत पदों पर विधिवत रूप से नियुक्त लोगों का ही अनुभव मान्य होगा. रिक्त सीटों से अधिक पर नियुक्त गेस्ट फैकल्टी को इसका लाभ नहीं मिलेगा.
यह नियम सरकारी व निजी मान्यताप्राप्त कॉलेजों में पढ़ाई वाले लोगों पर भी लागू होगा. निजी मान्यताप्राप्त कॉलेजों में भी स्वीकृत पद पर विधिवत रूप से नियुक्त लोगों का ही अनुभव मान्य होगा. वहीं, विशेषज्ञ बताते हैं विधिवत रूप से इसकी जांच भी करायी जायेगी, तभी अनुभव मान्य होगा. कमेटी की रिपोर्ट भी जरूरत पड़ने पर मांगी जायेगी.
गौरतलब है कि इस संबंध में अभ्यर्थियों ने कई बार बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग और शिक्षा विभाग के समक्ष गुहार लगायी थी. साथ ही आरटीआइ के जरिये स्पष्ट जानकारी मांगी गयी थी. इस दौरान आयोग ने अपने लिखित जवाब में कहा कि शैक्षणिक अनुभव का लाभ विज्ञापन की कंडिका 5.5 के आधार पर ही दिया जायेगा.
प्रभात खबर से विशेष बातचीत के दौरान आयोग के चेयरमैन डॉ राजवर्धन आजाद ने इसे स्पष्ट करते हुए बताया कि इसका लाभ बिहार के विश्वविद्यालयों में काम कर रहे अतिथि शिक्षकों के साथ नियमानुसार बिहार के एफिलिएटेड कॉलेज के कर्मियों को भी दिया जायेगा.
बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में यूजीसी मापदंड के अनुरूप पढ़ा रहे लगभग दो हजार अतिथि शिक्षक इससे लाभान्वित होंगे. वहीं, बिहार के एफिलिएटेड कॉलेजों में पढ़ा रहे सैकड़ों अभ्यर्थियों को भी इसका लाभ मिलेगा. अतिथि शिक्षकों ने कहा कि कंडिका 5.5 में जिक्र है कि ‘वैसे ही शिक्षकों का अनुभव मान्य होगा, जिनकी सेवा यूनिवर्सिटी सलेक्शन कमेटी, कॉलेज सर्विस कमीशन, कॉलेज सलेक्शन कमेटी के द्वारा कन्फर्म की गयी हो.’
विभिन्न शिक्षक संगठनों को सेवा कन्फर्म पर आपत्ति थी. इस तरह से सेवा कन्फर्म के प्रावधान को लेकर हजारों शिक्षक परेशान थे. कई लोगों की अब तक सेवा संपुष्टि नहीं हुई है. इस कारण कई संगठनों ने सरकार से लेकर राजभवन तक पत्र और इमेल कर गेस्ट फैकल्टी के अनुभव को मान्य करने के लिए लिखा था.
वहीं, इस संबंध में डॉ आजाद ने कहा कि यूजीसी के मापदंडों पर जो भी गेस्ट फैकल्टी यूनिवर्सिटी या कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं और रजिस्ट्रार द्वारा प्रमाण-पत्र निर्गत किया गया हैं, उनका अनुभव मान्य होगा. एक साल का दो अंक उन्हें दिया जायेगा. अनुभव के लिए 10 अंक निर्धारित किया गया है.
Posted by Ashish Jha