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विशंभरपुर में कटाव के सदमे से महिला की मौत

कटाव करती गंडक नदी. गंडक नदी के कटाव से विलीन हो चुका था घर गांव के पास पुल पर जिंदगी काट रही थी महिला सासामुसा : कुचायकोट प्रखंड के विशंभरपुर में गंडक नदी के कटाव के सदमे को रूबी देवी नहीं रोक पायी. पहले घर नदी में विलीन हुआ, इसके बाद खेत-खलिहान. गांव के पास […]

कटाव करती गंडक नदी.

गंडक नदी के कटाव से विलीन हो चुका था घर
गांव के पास पुल पर जिंदगी काट रही थी महिला
सासामुसा : कुचायकोट प्रखंड के विशंभरपुर में गंडक नदी के कटाव के सदमे को रूबी देवी नहीं रोक पायी. पहले घर नदी में विलीन हुआ, इसके बाद खेत-खलिहान. गांव के पास ही पुल को आशियाना बना कर परिवार के साथ जिंदगी गुजार रही थी. बुधवार को अचानक कटाव का सदमा लगा और महिला ने दम तोड़ दिया. मौजे विशंभरपुर गांव के त्रिभुवन तिवारी का मकान तीन सप्ताह पहले ही नदी के आगोश में आ गया था. त्रिभुवन तिवारी की पत्नी ढाई वर्षीया पलक कुमारी के साथ पुल पर जीवन गुजार रही थी. परिजनों के मुताबिक कटाव में घर विलीन होने के बाद से ही महिला बेसुध पड़ी थी. त्रिभुवन तिवारी का घर ऐतिहासिक शिव मंदिर के पास था.
आंगनबाड़ी केंद्र गंडक के निशाने पर : कालामटिहनिया के आधा से अधिक भाग को जमींदोज कर चुकी गंडक नदी अब भी कई घरों और गांवों को निगलने को बेताब है. मंगलवार से गंडक का निशाना आंगनबाड़ी भवन पर है. वहीं, फुलवरिया में भी कटाव शुरू हो गया है. गौरतलब है कि गंडक के कटावी तांडव में कालामटिहनिया के एक हजार से अधिक लोग जहां बेघर हो चुके हैं, वहीं पंचायत भवन स्कूल, 118 वर्ष पुराना शिवमंदिर और सैकड़ों वर्ष पुराना दुर्गा मंदिर का नामोनिशान मिट चुका है. चार माह से ग्रामीण यह दर्र सहने को विवश हैं.

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