राजेश पांडेय, कुचायकोट: चौंकिए मत ! यहां कोर्ट के आदेश के चक्कर में ही शिक्षक नियोजन पूरी तरह से उलझ कर रह गया है. अपीलीय प्राधिकार के आदेश को पूरा करने के चक्कर में ही चयन सूची प्रकाशित करने में विलंब हो गयी अन्यथा यह नियोजन की सूची निर्धारित समय पर प्रकाशित होती. अब समय पर नियोजन की चयन सूची प्रकाशित नहीं होने के कारण अपीलीय प्राधिकार ने शिक्षक नियोजन के आदेश पर रोक लगा दी है, जिससे 207 शिक्षकों क ा सपना चकनाचूर होता नजर होता आ रहा है. इस नियोजन के लिए दर्जन भर अभ्यर्थी 2009 से पटना उच्च न्यायालय से लेकर अपीलीय प्राधिकार के यहां मुकदमा लड़ रहे थे.हाइकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2008 की द्वितीय चरण की शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू हुई. लोगों को उम्मीद जगी कि इस बार शिक्षक बन जायेंगे. यहां 13 हजार 690 अभ्यर्थियों ने शिक्षक बनने के लिए आवेदन किया था . प्राधिकार के नये आदेश ने अभ्यर्थियों की होश उड़ा दिये हैं. अब प्राधिकार के नये आदेश पर लोगों की नजर टिकी हुई है.
प्राधिकार के आदेश से इन्हें मिलता लाभ
शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार सदस्य एएस चौधरी ने अपने पत्रंक 410 दिनांक 21.12.13 से आदेश दिया कि वर्ष 2008 के बाद जिन अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया, उनको प्रशिक्षित के रूप मे नियोजित किया जाना आवश्यक है. ऐसे अभ्यर्थियों को उनकी कोटि में अप्रशिक्षित के नियोजन की संभावना में प्राथमिकता दी जाये .अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों के नियोजन करने से पहले ट्रेंड (बीएड)अभ्यर्थियों का नियोजन किया जाये . संजू देवी , मो. अब्दुल्लाह ,रामयश राम ,विजय कुमार शर्मा, ठाकुर संदीप प्रसाद ,संतोष कुमार शर्मा, शशिभूषण प्रसाद , विनीत कुमार , मुन्ना बाबू, रवि प्रकाश सिंह, विजय कुमार सिंह, यादव लाल कुशवाहा , अजय कुमार पटेल व रामनाथ राम समेत कई अभ्यर्थी इस आदेश से प्रभावित हो रहे हैं.