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कैसे होगा नामांकन परेशानी . नप से नहीं मिल रहा जन्म प्रमाणपत्र

गोपालगंज : शहरी क्षेत्र के लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए नगर पर्षद का साल भर चक्कर लगाना पड़ रहा है. इसके बाद भी उन्हें प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा है. समय पर प्रमाणपत्र नहीं मिलने से अपने बच्चे का नामांकन स्कूल में नहीं करा पायेंगे. आवेदन जमा करने के बाद जब लोग प्रमाणपत्र लेने […]

गोपालगंज : शहरी क्षेत्र के लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए नगर पर्षद का साल भर चक्कर लगाना पड़ रहा है. इसके बाद भी उन्हें प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा है. समय पर प्रमाणपत्र नहीं मिलने से अपने बच्चे का नामांकन स्कूल में नहीं करा पायेंगे. आवेदन जमा करने के बाद जब लोग प्रमाणपत्र लेने पहुचते हैं,

तो वहां के कर्मी यह कह कर टाल देते हैं कि अभी आपका आवेदन एसडीओ कार्यालय गया है, वहां जाकर पता करें. जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन कराने में अस्पताल प्रबंधन की भूमिका रहेगी. अभी भी नगर पर्षद को जन्म लेनेवाले बच्चे या मृतक की सूची समय पर नहीं सौंपा जाता. इसके कारण रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता.

नयी वयवस्था में अस्पताल प्रशासन सीधे तौर पर जिम्मेवार होगा. नगर पर्षद की ओर से अस्पताल और सभी नर्सिंग होम को यूजर आइडी और पासवर्ड दिया जायेगा. बच्चे का जन्म होने या किसी की मृत्यु अस्पताल प्रशासन की जिम्मेवारी होगी कि वह ऑनलाइन सूची तैयार कर नगर पर्षद को भेजे. इसके बाद सीधे तौर पर नगर पर्षद में आवेदन देकर जन्म या मृत्यु का प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है.

केंद्र की वेबसाइट पर बनेगा प्रमाणपत्र : केंद्रीय योजना एवं सांख्यिकी विभाग के निर्देश पर राज्य सरकार ने नगर पर्षद को अपने स्तर से प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया है. केंद्र सरकार की वेबसाइट crso gi.gov.in के माध्यम से बनेगा. यानी पूरे देश में एक ही वेबसाइट से प्रमाणपत्र जारी होगा. सभी नगर पर्षद अपने स्तर से इस सिस्टम को विकसित करके लागू करेगा. इसमें डिजिटल सिग्नेचर का कॉन्सेप्ट भी नहीं होगा.
अधिकारी को सादे कागज पर अपना सिग्नेचर करके उसे स्कैन करना है. उसी हस्ताक्षर से सर्टिफिकेट जारी होगा.नयी वेबसाइट को यूआइडी से भी लिंक किया गया है. जैसे ही अस्पताल प्रबंधन जन्म लेनेवाले बच्चों की ऑनलाइन इंट्री करेगा, वह नवजात की सूची में दर्ज हो जायेगा.
इसके बाद यूआइडी कार्ड की ओर से जन्म लेनेवाले माता-पिता के घर टीम को भेज कर बच्चा का आधार कार्ड बनाया जायेगा. इसके साथ ही यूआइडी के साथ बच्चे के अभिभावकों की परेशानी दूर हो जायेगी.
केस स्टडी : एक
18 कैप्शन-मृत्युंजय कुमार
छह माह बीत गया, नहीं मिला जन्म प्रमाणपत्र
बंजारी मुहल्ले के निवासी मृत्युंजय कुमार ने कहा कि भतीजे के जन्म प्रमाणपत्र के लिए एक साल से नगर पर्षद का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें प्रमाणपत्र नहीं मिला. इसकी वजह से बच्चे का एडमिशन नहीं हो पा रहा है.
केस स्टडी : दो
लीलावती देवी
जन्म प्रमाणपत्र के लिए तीन माह से लगा रहे हैं चक्कर
राजेंद्रनगर मुहल्ले की लीलावती देवी ने कहा कि पोते का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए नगर पर्षद में तीन माह से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक प्रमाणपत्र नहीं मिला, जिसकी वजह से बच्चे का नामांकन बाहर के स्कूलों में नहीं हो सका.
अस्पताल प्रबंधनों की भी होगी जिम्मेवारी
यह है नियम
बच्चे के जन्म के 21वें दिन के अंदर आवेदन जमा करने पर तीन दिनों के अंदर प्रमाणपत्र निर्गत करने का नियम है. वहीं, अगर बच्चे के जन्म के 21 वें दिन के बाद आवेदन जमा करने पर एसडीओ कार्यालय के आदेश के तीन दिन बाद प्रमाणपत्र निर्गत करने का प्रावधान है.

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