एसएमएस का नियोजन रद्द होने से बढ़ीं मुश्किलें
गोपालगंज : जिले में चल रही श्री विधि अभियान हो या हरिचादर योजना सब पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है. खास कर कृषि विभाग के द्वारा बनाये गये रोड मैप पूरी तरह से लड़खड़ा गया है. सरकार के द्वारा विषय वस्तु विशेषज्ञों की नियोजन को रद्द कर दिये जाने से कृषि विभाग की मुश्किलें बढ़ गयी है.
विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा पिछले 15 मई से काम ठप कर दिया गया है, जिसके कारण अधिसंख्य प्रखंडों में ढैंचा के बीज का वितरण नहीं हो सका है. हरि चादर योजना के तहत किसानों को खेती करना काफी मुश्किल हो गया है. हालांकि गोपालगंज में मूंग की खेती के लिए 12 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया था.
उसी तरह ढैचा के लिए 12950 हेक्टेयर खेतों मे ढैचा लगाना था, जबकि श्री विधि महा अभियान में इस जिले को चयनित किया गया है, लेकिन किसानों को प्रशिक्षण से लेकर उनके बिचड़े गिराने के तरीके एवं खेती की विधि एसएमएस पर ही टिकी है. ऐसे में नियोजन रद्द होने से पूरी तरह से कृषि विभाग की योजनाएं चरमरा गयी है.
कृषि विभाग में कुल 98 एसएमएस की नियोजन वर्ष 2010 में की गयी थी. एसएमएस के कारण खेती के प्रति किसानों का रुख भी बदला था . एसएमएस के नियोजन रद्द होने से उनके परिजनों में मायूसी छा गयी है.
खोजने पर नहीं मिलते कृषि स्नातक
कृषि स्नातक करनेवाले छात्रों को ही विषय वस्तु विशेषज्ञ या प्रखंड कृषि पदाधिकारी या इसके ऊपर के नियोजन या नियुक्ति की जाती है . बिहार में कृषि स्नातक करने का क्रेज नहीं है. यहां के युवा कृषि की क्षेत्र में पढ़ायी करना नहीं चाहते.
उनको भी पता है कि कृषि के क्षेत्र में कैरियर नहीं है. बीएचयू से कृषि स्नातक कर रहे गोपालगंज के छात्र अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बिहार में कृषि के क्षेत्र मे कोई संभावना नहीं है. मैं कृषि स्नातक सिर्फ इस लिए कर रहा कि कृषि वैज्ञानिक बनने की सपना मेरे परिजनों का है. परिजनों के खातिर कृषि क्षेत्र को चुना है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार बाजपेयी ने कहा कि विभाग एसएमएस के नियोजन रद्द होने से काफी मुश्किल घड़ी में है. विभाग तत्काल प्रभाव से कंटीजेंसी से प्रति दिन 500 रुपये की दर से सभी एसएमएस को 20 दिन के लिए काम लेने का आदेश दिया है, जिससे और आगे बढ़ाया जायेगा.
विभाग 20 दिनों के भीतर एग्रीकल्चर को-ऑर्डिनेटर पद का सृजन कर नियमावली बनाने जा रही है. इसके तहत चार हजार कृषि स्नातकों की नियोजन,बामेती ,राष्ट्रीय कृषि योजना ,खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत किया जायेगा . सभी एसएमएस से रोड मैप के अनुरूप काम करने का निर्देश दिया गया है. विभाग पूरी तरह से इनके साथ है.