दुर्घटनाओं के चलते अपाहिज होनेवालों की संख्या बढ़ी
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लापरवाही से दोस्ती यानी मौत
दुर्घटनाओं के चलते अपाहिज होनेवालों की संख्या बढ़ी गोपालगंज : सावधानी हटी, दुर्घटना घटी. सड़क पर आये दिन हो रहे हादसों की यही वजह है. इनमें वाहनों के फिटनेश में खामी, नशे में गाड़ी चलाना, ओवरलोड वाहनों का परिचलान हो सकता है़ मानक के अनुसार, सड़कों का न होना हो सकता है. सड़कों का आधा […]
गोपालगंज : सावधानी हटी, दुर्घटना घटी. सड़क पर आये दिन हो रहे हादसों की यही वजह है. इनमें वाहनों के फिटनेश में खामी, नशे में गाड़ी चलाना, ओवरलोड वाहनों का परिचलान हो सकता है़ मानक के अनुसार, सड़कों का न होना हो सकता है. सड़कों का आधा अधूरा निर्माण हो सकता है. सड़क के किनारे बेहतरतीब वाहन खड़े होना हो सकता है. किसी भी तरही से यातायात नियमों का उल्लंघन हो सकता है. ऐसे ही कई और कारण हो सकते हैं.
लेकिन जान हमारी अपनी जाती है. परेशान हमारे अपने होते है. ऐसे में दुर्घटना से देर भली सुरक्षित जीवन का सफर हो सकता है. हर दिन तमाम लोग यातायात नियमों को धता बता सड़क पर फर्राटे भर रहे है. इसका नतीजा भी सबके सामने है. हर साल यहां जिले में चार सौ से अधिक लोग अपनी जान गंवा रहे है.कहने को तो हादसों को रोकने के लिए पुलिस और परिवहन विभाग सक्रिय हैं.
रफ्तार बन रहा है जानलेवा : शहर के सड़क से लेकर हाइवे तक हाइस्पीड गाड़ियां आ गयी हैं. इन गाड़ियों को लेकर युवा सड़क पर दौड़ लगा रहे हैं. ट्रैफिक रूल का पालन न करने पर सड़क हादसे कर रहे हैं. तेज रफ्तार से गाड़ियों को चलाने पर आये दिन दुर्घटना हो रही है. शहर हो या गांव की सड़क यहां सरपट तीन और चार लोगों को बैठा कर बाइक को चलाया जा रहा.
हालांकि, जिले की पुलिस ने पिछले एक महीने से अभियान चला कर 598 गाड़ियां पकड़ कर 2.78 लाख रुपया वसूले हैं.
ओवरलोड सबसे खतरनाक : बस हो या जीप यहां ओवरलोड चलने का एक फैशन शुरू हो गया है. आम आदमी तो दूर कानून के रखवाले पुलिस वाले भी ओवर लोड से पीछे नहीं हटते. वाहन में जब तक छत फिट सवारी नहीं हो जाते तब तक नहीं खोला जाता है. कई बार जान जोखिम में डाल कर हम सभी लोग भी वाहन के पीछे लटक कर यात्रा करते हैं. कभी अपने जीवन के बारे में नहीं सोंचते कि अगले पल क्यां होने वाला है. नतीजा है कि आये दिन सड़क हादसे में मौत हो रही है.
सरपट दौड़ रहीं अनफिट गाड़ियां : सड़कों पर धड़ल्ले से अनफिट गाड़ियां दौड़ रही है. तमाम गाड़ियों में न तो रेडियम पट्टी लगी है और न ही वह फिजिकली और नही मैकेनिकली फिट है. यहां धुआं देती गाड़ियां के फिट न होने से कुहरे में हादसा ज्यादा होते हैं. अनफिट गाड़ियां के खिलाफ परिवहन विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई अब तक नहीं किया गया है. पुलिस हो या परिवहन विभाग के अधिकारी उनके सामने अनफिट गाड़ियां का कब्जा सड़क पर हैं.
अतिक्रमण लील गया सड़क : शहर में लगभग सभी सड़कों पर अतिक्रमण है. कई सड़कों के किनारे स्थायी तो कई जगह अस्थायी अतिक्रमण यातायात में बाधक बना है. नगर पर्षद के अनुसार, मौनिया चौक, पुरानी चौक, घोष मोड़, जंगलिया रोड, आंबेडकर चौक आदि में अतिक्रमण है. यहां पर नगर पर्षद ने अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिया है.
लेकिन, इसका कोई असर नहीं होता. अधिकारियों के सामने कचहरी रोड से लेकर नो वेंडर जोन, मौनिया चौक, थाना चौक, आंबेडकर चौक पर वाहनों का अवैध कब्जा सड़क पर हो जाता है. इससे शहर के अंदर हादसे हो रहे हैं. पुलिस की निष्क्रियता से अवैध अतिक्रमण करने वालों के हौसले बुलंद है. इस अतिक्रमण के चलते सड़कें जाम हो जाती हैं. स्थानीय नागरिक और राहगीर उनकी इस मनमानी को खामियाजा भुगतते हैं. मगर जिम्मेदारों को परवाह नहीं है.
पिछले तीन साल में हादसे
वर्ष मौत घायल
2012 360 1390
2013 485 2096
2014 560 3286
क्या कहते हैं अधिकारी
ट्रैफिक नियमों की पालन के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. सड़क सुरक्षा सप्ताह भी मनाया गया, जिसमें लोगों को जानकारी दी गयी. उसके बाद नियम तोड़नेवाले से जुर्माना वसूला जा रहा.
दिवाकर झा, डीटीओ, गोपालगंज
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