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कदाचार किया तो बिहार बोर्ड लगायेगी बीस हजार रुपये तक जुर्माना

कदाचार किया तो बिहार बोर्ड लगायेगी बीस हजार रुपये तक जुर्माना – एक से तीन साल तक के लिए परीक्षा से हो जायेंगे छात्र निष्कासित संवाददाता, पटनामैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों को इस बार परीक्षा में चोरी (कदाचार) करना काफी महंगा पड़ सकता है. चोरी करते पकड़े जाने पर उनसे दो हजार से लेकर 20 […]

कदाचार किया तो बिहार बोर्ड लगायेगी बीस हजार रुपये तक जुर्माना – एक से तीन साल तक के लिए परीक्षा से हो जायेंगे छात्र निष्कासित संवाददाता, पटनामैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों को इस बार परीक्षा में चोरी (कदाचार) करना काफी महंगा पड़ सकता है. चोरी करते पकड़े जाने पर उनसे दो हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा. इतना ही नहीं, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, उड़नदस्ता या बिहार बोर्ड के अध्यक्ष के निरीक्षण में चोरी पकड़े जानेवाले परीक्षार्थियों पर बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम-1981 के तहत कठोर कार्रवाई होगी. परीक्षा में कदाचार पाये जाने पर इस बार परीक्षार्थी से लेकर वीक्षक, केंद्राधीक्षक व अभिभावकों पर भी कार्रवाई होगी. 11 जनवरी को मुख्य सचिव स्तर पर कदाचार रोकने के लिए हुई बैठक में ही बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम-1981 को पूरी तरह से लागू करने का निर्देश दिया गया है. धारा-144 तोड़ा, तो अभिभावक जायेंगे जेल मैट्रिक और इंटर के परीक्षा केंद्रों पर धारा-144 लगायी जायेगी. धारा-144 का अनुपालन सही से हो रहा है या नहीं, इसके लिए प्रत्येक सेंटर के मुख्य द्वार पर सीसी टीवी कैमरा लगाया जायेगा. अगर कोई अभिभावक धारा-144 को तोड़ने की कोशिश करेंगे या तोड़ेंगे, तो ऐसे अभिभावक इस बार जेल चले जायेंगे. ऐसे अभिभावक कम-से-कम पांच महीने और अधिक-से-अधिक छह महीने तक के लिए जेल जा सकते है. इसके अलावा दो हजार रुपये का जुर्माना भी अभिभावकों पर लगाया जायेगा. – तीन साल तक के लिए हाेंगे निष्कासित अभी तक कोई छात्र चोरी करते हुए पकड़ने आने पर एक साल के लिए ही परीक्षा से निष्कासित होते रहे हैं. लेकिन, इस बार निष्कासन की अवधि को बढ़ा दिया गया है. समिति की मानें, तो परीक्षा के दौरान कदाचार करते हुए छात्र पकड़े जाने पर एक से तीन साल तक के लिए निष्कासित किये जा सकते हैं. अगर छात्र बदतमीजी करेंगे, तो यह अवधि तीन साल तक की जा सकती है. – एक बेंच पर तीन अधिक छात्रों को बैठाया, तो केंद्रधीक्षक पर होगी कार्रवाई बोर्ड अध्यक्ष ने इस बार तमाम परीक्षा केंद्रों पर छात्र के बैठने के लिए भी नोटिस जारी किया है. बड़े बेंच पर तीन छात्र से अधिक परीक्षार्थी को नहीं बैठाया जा सकता है. वहीं, छोटे साइज के बेंच पर दो छात्र की बैठेंगे. अगर निरीक्षण के दौरान बेंच पर अधिक छात्र बैठे हुए पाये गये, तो ऐसे में केंद्राधीक्षक पर कार्रवाई की जायेगी. – मामले की छानबीन करेंगे डीएसपीअधिनियम के तहत किसी भी परीक्षा केंद्र पर किसी तरह की घटना होगी, तो इसकी छानबीन डीएसपी करेंगे. अधिनियम 1981 के तहत इस अधिनियम की धारा 10 के अधीन दोषसिद्धि के विरुद्ध जिला एंव सत्र न्यायाधीश के पास ही मामला जायेगा. बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 के तहत ये है गलत – परीक्षा में कदाचार करने में संलिप्त होना – परीक्षा के दौरान कदाचार या चोरी में मदद या सहायता करने पर – प्रश्नपत्र को परीक्षा के दौरान बाहर भेजना – परीक्षा संपन्न होने के पहले कोई बात लीक कर देना – परीक्षा केंद्र के नजदीक मटरगस्ती आदि के नियम को तोड़ना – परीक्षा के दौरान कोई भी कागज या अन्य सामग्री का वितरण करनायह लिये गये हैं निर्णय :- – सामान्य, संवेदनशील व अति संवेदनशील ग्रेड में बांटे जायेंगे परीक्षा केंद्र- इसी ग्रेड के अनुसार केंद्रों पर पुलिस फोर्स की होगी तैनाती- सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने के साथ ही होगी वीडियोग्राफी- अभिभावकों को मुख्य द्वार से काफी दूर रखा जायेगा.- जिले के किसी भी परीक्षा केंद्र पर कदाचार की सूचना मिलने पर उस केंद्र की परीक्षा रद्द होगी- शहर के फोटो स्टेट दुकानों खास कर परीक्षा केंद्रों के आस पास की दुकानों पर रहेगी विशेष नजरकोटपरीक्षा में चोरी रोकने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे. बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 को पूरी तरह से लागू किया जायेगा. अगर कोई छात्र चोरी करते पकड़े गये तो उन पर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. इस कारण हम एक बार फिर तमाम छात्रों से अपील करते हैं कि कदाचार से दूर रहें. लालकेश्वर प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति \\\\B

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