बरौली नपं में नहीं लगता कॉमर्शियल टैक्स होल्डिंग टैक्स पर सिमटा विभाग नगर का न लेखा-जोखा, न कार्य का बजट संवाददाता, गोपालगंजबरौली नगर पंचायत में कोई कॉमर्शियल टैक्स नहीं लगता है. नगर में कितने मोबाइल टावर हैं, कितनी बिल्डिंग कॉमर्शियल उपयोग में हैं, कितने व्यावसायिक संस्थान हैं. नगर पंचायत इस जानकारी से अब तक बेखबर है. हैरत तो यह है कि नगर पंचायत के पास वर्ष के लेखा-जोखा का कोई बजट नहीं है. विकास की सारी उम्मीदें होल्डिंग टैक्स और सैरात के टैक्स पर आधारित है. इस वर्ष विभाग ने 10 लाख रुपये होल्डिंग टैक्स वसूलने का लक्ष्य रखा है. अब तक महज 2.55 लाख की वसूली हो पायी है. नगर में होल्डिंंग टैक्स कितना बकाया है किसी कर्मी को जानकारी नहीं है. अब सवाल उठता है कि यहां विकास का हस्र क्या होगा? प्रतिवर्ष लाखों रुपये के राजस्व का चुना आखिर क्यों लगाया जा रहा है. टैक्स पर छायी उदासीनता से राजस्व की क्षति के साथ नगर पंचायत अपने ही नगर में आर्थिक अपराध को बढ़ावा दे रही है.क्या है नियम नियमानुसार नगर पंचायत के अंतर्गत आनेवाले सभी हाउस होल्डरों से टैक्स लेना है. यदि हाउस होल्डर अपने मकान का उपयोग आर्थिक लाभ के लिए कर रहा है, तो उससे अतिरिक्त टैक्स लेना है. इसके अलावा मोबाइल टावर, नर्सिंग होम, प्राइवेट कोचिंग एवं शिक्षण संस्थान तथा व्यवसाय के बड़े उपक्रम कर के दायरे में हैं तथा नगर पंचायत से स्वीकृति आदेश भी लेना है, लेकिन यहां सब कुछ अपने बनाये नियम पर है.एक नजर में टैक्स व संस्थान कुल वार्ड -21आबादी – 39 हजार अब तक होल्डिंग टैक्स से आय- 2.55 लाख वर्ष का लक्ष्य – 10 लाख मोबाइल टावरों की संख्या -15प्राइवेट विद्यालय एवं कोचिंग संस्थान -32नर्सिंग होम एवं जांच घर -9बड़े व्यापारिक संस्थान – 1क्या कहती है नगर पंचायत मुझे नगर पंचायत का जिम्मा हाल ही में मिला है. नियमानुसार सभी संस्थानों से नीति बना कर टैक्स की वसूली की जायेगी. रेणु कुमार सिन्हा, कार्यपालक पदाधिकारी
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बरौली नपं में नहीं लगता कॉमर्शियल टैक्स
बरौली नपं में नहीं लगता कॉमर्शियल टैक्स होल्डिंग टैक्स पर सिमटा विभाग नगर का न लेखा-जोखा, न कार्य का बजट संवाददाता, गोपालगंजबरौली नगर पंचायत में कोई कॉमर्शियल टैक्स नहीं लगता है. नगर में कितने मोबाइल टावर हैं, कितनी बिल्डिंग कॉमर्शियल उपयोग में हैं, कितने व्यावसायिक संस्थान हैं. नगर पंचायत इस जानकारी से अब तक बेखबर […]
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