भोरे पंचायत में विकास का चक्का जाम .. खाते में पड़ी रह गयी विकास योजनाओं की राशि .. पांच वर्षों में बदले पांच पंचायत सचिव भोरे. भोरे पंचायत में विकास का चक्का जाम हो गया है. यहां एक तरफ जहां विकास योजनाओं को लेकर जकड़ी उदासीनता टूटने का नाम नहीं ले रही है, तो दूसरी तरफ पंचायत के खाते में पड़े लाखों रुपये की राशि योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की बाट खोज रही है. पंचायत की गतिविधियों से यह नहीं लगता कि समाप्ति के कगार पर पहुंचे वित्तीय वर्ष के अंतर्गत कार्यों को अंजाम दिया जा सके. स्थितियों पर गौर करें, तो बीते करीब डेढ़ साल से 13वें वित्त के तहत पंचायत को प्राप्त हुए रुपये में से अभी करीब पांच लाख रुपये खाते में ही पड़े हैं. बताया जाता है कि 13वें वित्त की अवधि भी समाप्त हो गयी है. वहीं ,14 वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त हुए 13.50 लाख रुपये बीते अगस्त से ही भोरे पंचायत के खाते में पड़े हैं, लेकिन इन पैसों को विकास योजनाओं में लगाने की जरूरत शायद मुखिया या पंचायत सचिव नहीं समझते. इसके अलावा पंचायत में बीआरजीएफ के तहत भी आठ लाख रुपये पड़े हैं. बताया गया है कि बीआरजीएफ के पैसे को लेकर पंचायत के अंतर्गत प्राक्कलन भी चुनाव पूर्व ही तैयार कर लिया गया था, लेकिन इसके बावजूद इसको कार्य रूप नहीं दिया जा सका. बताया जाता है कि उक्त योजना के तहत प्राप्त राशि की अवधि भी समाप्त हो चुकी है. यहां ताज्जुब की बात यह है कि पंचायत के अंतर्गत कई एक सड़कें और आम लोगों से जुड़े कार्य मुंह बाये खड़े हैं. सरकार ने इसके लिए राशि भी उपलब्ध करायी, लेकिन विकास के प्रति पंचायत की सक्रियता सवालों के घेरे में है. भोरे पंचायत में विकास कार्यों को लेकर मुखिया की सक्रियता संदिग्ध रही है. नतीजा यह रहा कि भोरे पंचायत के मुखिया के साथ उनकी कार्य अवधि के पांच वर्षों में अब तक पांच पंचायत सेवक आ-जा चुके हैं. इस संबंध में पंचायत सचिव राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि पंचायत के कार्यों में मुखिया जी कोई रुचि नहीं दिखाते. इसलिये विकास कार्य ठप पड़े हैं. इस संबंध में डीडीसी जिउत कुमार का कहना है कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कदम उठाया जायेगा.
भोरे पंचायत में विकास का चक्का जाम
भोरे पंचायत में विकास का चक्का जाम .. खाते में पड़ी रह गयी विकास योजनाओं की राशि .. पांच वर्षों में बदले पांच पंचायत सचिव भोरे. भोरे पंचायत में विकास का चक्का जाम हो गया है. यहां एक तरफ जहां विकास योजनाओं को लेकर जकड़ी उदासीनता टूटने का नाम नहीं ले रही है, तो दूसरी […]
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