मेडिकल टीम ने पानी का सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेजा
देवान परसा : फुलवरिया प्रखंड के देवान परसा गांव में अज्ञात बीमारी कहर बन कर टूटी है. खौफ इस कदर है कि गांव के अधिकतर व्यक्ति अपने बच्चों के साथ रिश्तेदारी में शरण लिये हुए हैं. पूरी दलित बस्ती में गिनती के लोग बचे हैं. गांव में जो हैं, उनके चेहरे मायूसी छायी है. गांव में वीरानगी है.
तीन बच्चों की मौत के बाद दो और बच्चों में बीमारी के लक्षण मिलने के बाद परिजन उन्हें लेकर सदर
अस्पताल में गये हैं. गुरुवार को एक और बच्चे में बीमारी का लक्षण पाया गया. उसका इलाज गांव में ही
मेडिकल टीम द्वारा किया जा रहा है. दलित बस्ती के चापाकलों में ब्लीचिंग पाउडर डाला गया है. मेडिकल टीम ने पानी का सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेज दिया है. छह सदस्यीय मेडिकल टीम की ड्यूटी गांव में 24 घंटे लगा दी गयी है. दवाई का इंतजाम भी कर दिया गया है.
गुरुवार को जिला मलेरिया पदाधिकारी डाॅ चंद्रिका प्रसाद के नेतृत्व में पहुंची मेडिकल टीम ने पूरी बस्ती का जायजा लेने के साथ ही पीड़ित परिवार की एकमात्र सदस्या विभा कुमारी से बात की.
अब तक तीन बच्चों की हुई मौत
देवान परसा दलित बस्ती निवासी स्व इंद्रदेव राम के दोनों पुत्र राजू राम एवं राजेश राम के घर से बीमारी की शुरुआत हुई. दोनों बच्चों प्रीतम कुमार (5) एवं प्रीति कुमारी (3) की मौत क्रमश: 28 एवं 29 अक्तूबर को हो गयी थी. वहीं, उसके भाई राजेश राम के बेटे सोनू कुमार (3) की मौत बुधवार को हो गयी.
मौत के बाद राजेश के शेष बचे दोनों बच्चों में भी बीमारी का लक्षण दिखायी पड़ा. उनका इलाज गोपालगंज सदर अस्पताल में चल रहा है. गुरुवार को मेडिकल टीम की जांच में मुकंद साह के डेढ़ वर्षीय पुत्र पंकज कुमार में भी बीमारी का लक्षण पाया गया. उसका भी इलाज चल रहा है.