आज सोमवार है, यानी शहर के लिए महाजाम दिवस. सुन कर थोड़ा अटपटा लग सकता है, लेकिन यह सच है. हर सोमवार को शहर की सड़कों पर लंबा जाम लग जाता है. ऐसा जाम की आदमी को पैदल चलना भी मुश्किल. जाम में फंसे वाहन रेंगते और उस पर बैठे लोग पसीना पोंछते दिखे जाते हैं. यह समस्या नयी नहीं है, डेढ़ वर्षो से लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासक की ओर से अब तक कोई सार्थक पहल नहीं की गयी.
शहर की हर सड़क पर दिखता है जाम का नजारा, वाहनों की लगी रहती है गोपालगंज
शहर में आना है, तो जरा संभल कर चलें. ऐसा इसलिए, क्योंकि आज सोमवार है. जी हां, सोमवार शहर के लिए महाजाम दिवस बन गया है. शहर के लोग सप्ताह के पहले कार्य दिवस को जाम में फंस कर घंटों पसीना बहाने को विवश हैं. विगत डेढ़ वर्षो से शहर में यह सिलसिला जारी है.
वैसे तो छुट्टियों को छोड़ कर सभी दिन जाम लगता है, लेकिन सोमवार को यह विकराल होता है और पूरा शहर इसके आगोश में होता है. आम ही नहीं, जाम से खास लोगों पर भी असर पड़ता है और कभी -कभी यह जानलेवा भी साबित होता है. रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को शहर आनेवालों की तादाद अधिक होती है. सड़कों का अतिक्रमण, अवैध स्टैंड एवं पार्किग,ट्रैफिक की गलत व्यवस्था शहर के जाम में उत्प्रेरक का काम करते हैं. प्रशासन इस समस्या से पूरी तरह अवगत है. लेकिन वह भी चुप्पी साधे है.
अब तक के सभी नियम बेअसर : जाम से निबटने के लिए प्रशासन ने कई बार नियम बनाये. लेकिन, अब तक यह बेअसर रहा है. मिशन जुर्माना जहां बेअसर साबित हुआ. वहीं नो वेंडर जोन और वन वे की हवा निकल गयी. शहर की सभी सड़कें परिचालन के रूप में कम अवैध स्टैंड और पार्किग के रूप में ज्यादा प्रयोग होता है.
शहर में जाम से नियंत्रण के लिए प्रयास जारी है. नप द्वारा फुटपाथी दुकानदारों के लिये योजना बनायी गयी है. कुछ सड़क वन वे की गयी है और एक -दो रोड वन वे किया जायेगा. चुनाव बाद योजना बना कर इसका क्रियान्वयन किया जायेगा ताकि जाम न लगे और लोगों को परेशानी न हो. इसके लिए लोगों को भी जागरूक होकर नियम का पालन करना होगा.
रेयाज अहमद खां, गोपालगंज