गोपालगंज : बेटियों की घटती संख्या को लेकर अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. अब मंडल के हर जिले में पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटरों का डाटाबेस तैयार किया जायेगा, जो कि एनआइसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) वेबसाइट पर संचालक के फोटो के साथ अपलोड होगा.
यही नहीं बल्कि हर अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक को परिचय पत्र जारी किया जायेगा. डाटाबेस में अल्ट्रासाउंड सेंटर से जुड़ी हर छोटी–बड़ी जानकारी होगी. इसमें संचालकों का विवरण होगा. किस अल्ट्रासाउंड सेंटर ने कितना व किसका अल्ट्रासाउंड किसलिए किया इसका भी विवरण मौजूद रहेगा.
इसके अलावा सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटरों को परिचय पत्र भी जारी किये जायेंगे, जिसे सभी संचालकों को सेंटर पर काम करने के दौरान अनिवार्य रूप से अपने साथ रखना होगा. अब सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों के संचालकों का यह जानने के लिए प्रयोगात्मक परीक्षण कराया जायेगा कि वे वास्तव में अल्ट्रासाउंड करने में दक्ष हैं या नहीं. यह जिम्मेदारी संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सौंपी गयी है.
सीएस अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालकों को निर्धारित तिथियों पर बुला कर विशेषज्ञों के एक पैनल की सहायता से इस काम पूरा करायेंगे. अल्ट्रासाउंड सेंटरों के साथ ही एक्स–रे सेंटर व पैथोलॉजी सेंटरों पर भी कड़ी नजर होगी.
इन सेंटरों की सूची तैयार करने के साथ ही इनका विवरण भी एनआइसी की वेबसाइट पर लोड किया जायेगा. इनके संचालकों की योग्यता के साथ अन्य मानकों की पड़ताल की जायेगी और यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वास्तव में सटीक रिपोर्ट दे रहे हैं या नहीं.