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डीएम व विधायक ने पहले चखा भोजन

* छपरा की घटना के बाद विद्यालयों में पहुंचा प्रशासन, जिले भर में चला जांच अभियान गोपालगंज/कुचायकोट : मिड डे मील से छपरा में हुई लगभग दो दर्जन मासूमों की मौत के बाद शासन– प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है. मध्याह्न् भोजन पर उठ रहे सवाल और लोगों में छाये भय को पाटने के लिए […]

* छपरा की घटना के बाद विद्यालयों में पहुंचा प्रशासन, जिले भर में चला जांच अभियान

गोपालगंज/कुचायकोट : मिड डे मील से छपरा में हुई लगभग दो दर्जन मासूमों की मौत के बाद शासनप्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है. मध्याह्न् भोजन पर उठ रहे सवाल और लोगों में छाये भय को पाटने के लिए शुक्रवार को जिला प्रशासन, सरकार के विधायक एवं मुखिया का हर कदम विद्यालयों की ओर था.

मध्याह्न् भोजन की व्यवस्था के साथसाथ सबका अथक प्रयास मासूमों और अभिभावकों में फिर से एक नया विश्वास जगाना था. डीएम, विधायक और अन्य पदाधिकारियों ने बच्चों के खाने के पहले स्वयं मिड डे मील खाकर इसकी गुणवत्तापूर्ण होने की साक्ष्य प्रस्तुत किये.

शुक्रवार को निर्धारित कार्यक्रम के तहत डीएम कृष्ण मोहन सहित जिले के सभी अधिकारियों, विधायक मंजीत सिंह सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने विद्यालयों की जांच की. डीएम कृष्ण मोहन स्वयं बैकुंठपुर के एक दर्जन से अधिक विद्यालयों की जांच की. जिले के सभी प्रखंडों में जांच कार्यक्रम चलता रहा.

* अधिकारियों ने दिये निर्देश : मध्याह्न् भोजन की जांच करने निकले अधिकारियों ने विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को कई निर्देश दिये. डीएम कृष्ण मोहन बैकुंठपुर के कई विद्यालयों में स्वयं जाकर खाद्यान्न भंडार एवं सफाई व्यवस्था की जांच की तथा भंडार से छिपकली भगाने, इंजन मार्का सरसों का तेल का प्रयोग करने की सब्जी का इस्तेमाल करने तथा सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की सख्त हिदायत दी है. ऐसी हिदायत जिले के सभी विद्यालयों में दी गयी है.

* कहीं एमडीएम बंद तो कहीं गंदगी का आलम : दिन के ग्यारह बजे हैं. बच्चे विद्यालय परिसर में खेल रहे हैं. शिक्षकों के बीच वाक युद्ध चल रहा है, तभी पहुंचते है एमडीएम की जांच करने डीपीओ कपिलदेव तिवारी, अधिकारियों के आने से यहां कोई अंतर नहीं हैं. यहां तो मिड डे मील बनवाने के बजाये प्रभार के लिए खींचतान है.

यह हाल है राजकीय उत्क्रमित विद्यालय शिवटलह राम के टोला पिपरा हथुआ प्रखड का यहां सूचना पर बीडीओ पहुंचते हैं. बच्चे बताते हैं कभीकभार खिचड़ी बन जाती है. ये हाल शुक्रवार को अकेले किसी एक विद्यालय का नहीं बल्कि जिले के सैकड़ों विद्यालय का है. सफाई व्यवस्था नाम की तो कोई चीज नहीं थी. कई जगह अधिकारियों ने फटकार लगायी.

* कही नहीं दिखी विद्यालय समिति की सहभागिता : यहां तो मध्याह्न् भोजन में लूट की आदत बन चुकी है. आखिर समिति का कोई सदस्य कैसे रहे और शिक्षक रखना ही क्यों चाहे. शुक्रवार को की गयी विद्यालय की जांच में 95 फीसदी विद्यालयों में बन रहे एमडीएम में कहीं भी विद्यालय समिति के सदस्यों की सहभागिता नहीं पायी गयी, जबकि स्वयं डीएम ने इसके लिए आदेश निर्देशित किया था.

* बच्चों ने किया मिड डे मील का बहिष्कार : प्रखंड के कई विद्यालयों में बच्चों ने मिड डे मील का बहिष्कार कर दिया. अभिभावकों ने भी इन्हें खाना खाने से रोक दिया. ये बच्चे विद्यालय तो गये, लेकिन खाना की जब बारी आयी तो सीधे ये कहते हुए इनकार कर दिया कि इसमें मौत छिपी है.छपरा की घटना में बच्चों की हुई अकाल मृत्यु के बाद अभिभावक और विद्यालय सुकतौली में एक भी बच्चे खाना नहीं खाये यहां पहुंचे जांच अधिकारी भी बच्चों को जिद के आगे एक चली. उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोर्ट नरहवां में भी बच्चों ने खाना खाने से इनकार किया.सूचना पर कोऑर्डिनेटर विद्यालय पहुंच कर खाना खाये उसके आधे घंटे बाद काफी प्रयास करने के बाद बच्चों ने खाना खाया.

* डीएम ने बंद कराया विद्यालय निर्माण कार्य : सिधवलिया में मध्याह्न् भोजन की जांच करने निकले डीएम विद्यालय भवन में घटिया भवन सामग्री देख आक्रोशित हो गये. डीएम कृष्ण मोहन जांच क्रम में जब मध्य विद्यालय उसरी खाड टोला पहुंचे तो यहां मध्याह्न् भोजन के जांच के बाद निर्माणाधीन विद्यालय भवन की जांच की, यहां भवन निर्माण में घटिया ईंट एवं अन्य सामग्री का उपयोग किया जा रहा था. यहां डेढ़ माह से मध्याह्न् भोजन व्यवस्था रहने के बावजूद भी बंद है.

स्थिति की जानकारी मिलने तथा घटिया कार्य देख डीएम ने कार्य करा लोगों को कड़ी फटकार लगायी तथा कार्रवाई करने का आदेश दिया है. निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है.

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