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शीतलहर में कांप रहे पुलिस के जवान
गोपालगंज : .. रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं. जी हां, यह पुलिस के जवानों का हाल है. पुलिस लाइन की तरफ अगर आप गये हैं, तो इनकी दुर्दशा जरूर देखी होगी. इस शीतलहर में इन्हें सिर छुपाने के लिए फुटपाथ भी नसीब नहीं है. पुलिस लाइन के पास एक निर्माणाधीन भवन के […]
गोपालगंज : .. रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं. जी हां, यह पुलिस के जवानों का हाल है. पुलिस लाइन की तरफ अगर आप गये हैं, तो इनकी दुर्दशा जरूर देखी होगी. इस शीतलहर में इन्हें सिर छुपाने के लिए फुटपाथ भी नसीब नहीं है. पुलिस लाइन के पास एक निर्माणाधीन भवन के बेसमेंट में 135 जवान रात गुजार रहे हैं. शीतलहर में चारों तरफ खुला होने के कारण जवानों की रात बड़ी मुश्किल से गुजर रही है.
55 जवानों ने गत शुक्रवार को यहां आकर योगदान किये. उनके रहने का भी ठिकाना नहीं है. इस तरफ कभी वरीय अधिकारियों का ध्यान दिया जाता है. जवान दुर्दशा के शिकार हैं. जब वे खुद असुरक्षित हैं, तो हमारी सुरक्षा की क्या गारंटी है. इसे आप भी सहज महसूस कर सकते हैं.
क्या कहते है अध्यक्ष
जवानों के लिए रहने की व्यवस्था साहब से मिल कर की जायेगी. साहब की सहमति बनी, तो फुटपाथ पर रहनेवाले जवानों को सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जायेगा. मुङो इसके बारे में जानकारी नहीं थी.
मिथलेश कुमार यादव
अध्यक्ष पुलिस मेंस एसोसिएशन
क्या कहते हैं अधिकारी
स्थायी पुलिस लाइन की व्यवस्था के लिए विभाग काफी गंभीर है.
अनिल कुमार, एएसपी
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