लावारिस नवजात को मिली ममता की छांव गांव की महिला ने बच्ची को अपनाया नगर थाना क्षेत्र के कविलासपुर गांव की घटना फोटो न. 3 संवाददाता, गोपालगंज कौन है वह मां, जिसने अपने कोख में नौ माह तक पाला. जब उसने जन्म दिया, तो समाज के भय ने उसे मजबूर कर दिया. उसने गन्ने के खेत में मरने के लिए इस बेटी को छोड़ दिया. समाज के भय या मजबूरी ने मां के हृदय को कठोर बना दिया. वह बेटी भी समाज के इस कुकृत्य से नहीं घबरायी. वह जीने के लिए ही पैदा हुई थी. उसे ममता का छांव मिल गया. यह वाकया है नगर थाने के कविलासपुर गांव का. गन्ने के खेत में नवजात बच्ची बुधवार को चीख रही थी. खेत में गन्ना काटने सुदामा पासी की पत्नी लालती देवी गयी थी. नवजात शिशु को रोते देख महिला ने उसे गोद में उठा कर सीने से लगाया. काफी देर तक नवजात के परिजनों की खोजबीन की गयी. बाद में शिशु को महिला अस्पताल लेकर गयी. इसको लेकर नगर थाने की पुलिस को सूचना दी गयी. सूचना देने के घंटों बाद भी पुलिस गांव में नहीं पहुंची. इधर, नवजात शिशु को देखने के लिए ग्रामीण इकट्ठा हो गये. महिला ने नवजात को बेटी की तरह पालन-पोषण करने का संकल्प लिया. महिला के पहले से दो बेटे और दो बेटियां भी हैं.
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खेत में जीवित फेंकी गयी नवजात बेटी
लावारिस नवजात को मिली ममता की छांव गांव की महिला ने बच्ची को अपनाया नगर थाना क्षेत्र के कविलासपुर गांव की घटना फोटो न. 3 संवाददाता, गोपालगंज कौन है वह मां, जिसने अपने कोख में नौ माह तक पाला. जब उसने जन्म दिया, तो समाज के भय ने उसे मजबूर कर दिया. उसने गन्ने के […]
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