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जमीन का नहीं मिला मुआवजा हाइवे निर्माण छह माह से अटका

गोपालगंज : किसानों को जमीन का मुआवजा नहीं मिला तो उन्होंने ने दिसंबर में ही हाइवे निर्माण कार्य को रोक दिया. पिछले छह माह से निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है. 2.1 किमी सड़क का निर्माण विभाग के आदेश का इंतजार कर रहा. एनएचएआइ के परियोजना प्रबंधक की ओर से स्टीमेट को रिवाइज कर जमीन […]

गोपालगंज : किसानों को जमीन का मुआवजा नहीं मिला तो उन्होंने ने दिसंबर में ही हाइवे निर्माण कार्य को रोक दिया. पिछले छह माह से निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है. 2.1 किमी सड़क का निर्माण विभाग के आदेश का इंतजार कर रहा. एनएचएआइ के परियोजना प्रबंधक की ओर से स्टीमेट को रिवाइज कर जमीन का मुआवजा वर्तमान शहरी इलाके के रेट से अप्रुवल के लिए क्षेत्रीय कार्यालय पटना को भेजा गया है.

वहां यह फाइल धूल फांक रही है. इधर, निर्माण कार्य ठप होने से मीरगंज शहर में महाजाम की स्थिति प्रतिदिन लोगों के जी का जंजाल बन गयी है. 1.6 किमी लंबे मीरगंज शहर को पार करने में दो से तीन घंटे का समय लग रहा है.
इन दिनों धूप में दो पहिया वाहन वालों को सबसे अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा. मीरगंज शहर में रेलवे ढाला के कारण भी जाम का संकट है. हाइवे के निर्माण कार्य पूरा होने से मीरगंज शहर में जाम की समस्या समाप्त हो जाती. अधिकतर सीवान की ओर जानेवाले वाहन हाइवे से निकलते.
जबकि, अधूरे हाइवे के कारण कई घटनाएं हो चुकी हैं. हथुआ से तिलक समारोह से लौट रहे लोगों की गाड़ी यहां टकराने से दो लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद भी एनएचएआइ के क्षेत्रीय कार्यालय के तरफ से इसका अप्रुवल नहीं दिया जा रहा.
एनएच-85 से क्या होगा लाभ : इस्ट एंड वेस्ट कॉरीडोर एनएच-28 के बंजारी से निकलकर शहर को बाइपास करते हुए चौराव गांव के पास एनएच-85 को जोड़कर छपरा तक टू लेन हाइवे का निर्माण कार्य चल रहा है.
इस हाइवे के निर्माण से न सिर्फ गोपालगंज शहर, बल्कि मीरगंज शहर भी जाम की समस्या से मुक्ति पायेगा. इस हाइवे के निर्माण से छपरा सीधा बेतिया और नेपाल को भी जुड़ेगा. वाहनों की आवाजाही बेहतर होने से क्षेत्र का विकास होगा.
प्रशासन को करनी होगी पहल : जानकार बताते हैं कि चुनाव के कारण प्रशासन के अधिकारी व्यस्त हैं. अगैर प्रशासन के हस्तक्षेप किये एनएचएआइ से अप्रुवल मिलना संभव नहीं है. जब तक अप्रुवल नहीं मिलेगा, तब तक किसानों को उनकी जमीन के उचित मुआवजा का भुगतान भी नहीं मिल पायेगा.
शहर के बाइपास के लिए राशि आवंटित : एनएचएआइ के परियोजना प्रबंधक अमित रौशन ने बताया कि शहर के फतहा, तकिया और जंगलिया के कुछ किसानों ने शहरी क्षेत्र के रेट से मुआवजा नहीं मिलने के कारण हाइवे निर्माण कार्य में व्यवधान पैदा किया था. इसके लिए संशोधित कर स्टीमेट भेजा गया.
उसकी मंजूरी के साथ राशि आवंटित हो चुकी है. चुनाव के बाद किसानों को भुगतान मिलना शुरू हो जायेगा. उसके बाद यहां निर्माण कार्य भी युद्ध स्तर पर शुरू हो जायेगा. निर्माण कार्य को जून 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. हरखौली के किसानों को अभी मंजूरी नहीं मिल पायी है. मंजूरी मिलते ही नये दर से उन्हें मुआवजा प्राप्त होगा.
क्या है िनर्माण में मुआवजे का पेच
मीरगंज के हरखौली गांव के किसानों का कहना है कि उनकी जमीन नगर पंचायत के इलाके में है. इसकी कीमत ग्रामीण इलाके की जमीन से अधिक है. एनएचएआइ ने अधिग्रहण के वक्त इन जमीनों को ग्रामीण इलाका का जमीन मानकर उसी रेट पर स्टीमेट तैयार कर दिया.
जब इसकी जानकारी किसानों को हुई तो किसानों ने इसका विरोध किया और निर्माण कार्य रोक दिया. हाइवे के अधिकारियों ने कई प्रयास किये, लेकिन किसान अपने खेत में हाइवे बनाने को तैयार नहीं हुए.

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