2017 से सासामुसा मिल में लटका है ताला
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42 फीसदी किसानों ने छोड़ी गन्ने की खेती
2017 से सासामुसा मिल में लटका है ताला गोपालगंज : कहा गया है कि बिन संसाधन आदमी पंगु बन जाता है. कुछ ऐसा ही हाल है, सासामुसा चीनी मिल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किसानों का. चीनी मिल में ताला लटकने के बाद किसानों का गन्ना की खेती से मोहभंग होने लगा है. इस क्षेत्र […]
गोपालगंज : कहा गया है कि बिन संसाधन आदमी पंगु बन जाता है. कुछ ऐसा ही हाल है, सासामुसा चीनी मिल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किसानों का. चीनी मिल में ताला लटकने के बाद किसानों का गन्ना की खेती से मोहभंग होने लगा है. इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किसान गन्ना की खेती करते थे. जब सासामुसा चीनी मिल खुलने की सारी उम्मीदें खत्म हो गयीं तो किसान गन्ने की खेती छोड़ने लगे हैं.
इस साल 42 फीसदी किसानों ने गन्ने की खेती छोड़ दी है. 59 फीसदी खूंटी गन्ने के खेत खाली हो गये हैं. गन्ने की खेती न करने से किसानों में असमंजस है, लेकिन किसान आखिर करें तो क्या.
एक घटना के बाद चीनी मिल प्रबंधन मिल में ताला लटका लिया है, जिसके खुलने की दूर-दूर तक उम्मीद नहीं है. ऐसे में जिला में फसल से होने वाली आर्थिक आय में कमी आना तय है, जो प्रति व्यक्ति सालाना आय में कमी कर देगा.
असमंजस में गन्ना किसान
कुचाकोट प्रखंड और सासमुसा चीनी मिल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक हजार से अधिक किसानों में खेतों में खुंटी गन्ना है. यह गन्ना इस साल कहां बिकेगा, इसको लेकर किसान असमंजस में हैं. बता दें कि प्रत्येक साल अपनी गन्ना को बेचने में किसानों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इस साल पहले से ही जिन किसानों के खेतों में गन्ना है, वे इसको लेकर बेचने को परेशान है क्योंकि तीन माह बाद गन्ना की कटाई शुरू हो जायेगी.
किसानों की 12.40 करोड़ की राशि मिल की तिजोरी में
किसानों की गाढ़ी कमाई सासामुसा मिल की तिजोरी में बंद है. चानी मिल में ताला तो पिछले सत्र से लटका है, लेकिन किसानों के मेहनत की कमाई मिल के पास 2014-15 से ही बकाया है. मिल के पास किसानों का कुल 1290.79 लाख रुपया बकाया है. मिल यदि इन किसानों का भुगतान कर दे तो किसानों की दशा सुधर जायेगी. किसानों के बकाये राशि की भुगतान कब होगा, इस पर शासन-प्रशासन की ओर से अब तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं. तालाबंदी के साथ बकाये राशि का भुगतान न होना भी गन्ना की खेती से किसानों के मोहभंग होने का बहुत बड़ा कारण रहा है.
कब से लटका है ताला
पिछले साल 20 दिसंबर की रात्रि चीनी मिल का व्यालर फटा, जिसमें नौ मजदूरों की मौत हो गयी और एक दर्जन से अधिक घायल हो गये. तब किसानों और आस-पास के लोगों ने मिल एवं मिल मालिक के आवास में तोड़-फोड़ की थी. बाद में मामला शांत हो गया.
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