पोती झूठी होती तो जान नहीं देती : दादा
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डॉक्टर बनने की थी चाह, दे दी जान, स्कूल पर उठे सवाल
पोती झूठी होती तो जान नहीं देती : दादा गोपालगंज : गोपालगंज की छात्रा इकिशा साह की आत्महत्या ने पूरे परिवार को झकझोर कर दिया. इकिशा शहर के हजियापुर चौक निवासी राम राघव साह की पुत्री थी. परिवार के साथ नोएडा सेक्टर 52 में रहकर मयूर विहार, दिल्ली के एल्कॉन पब्लिक स्कूल में नौवीं कक्षा […]
गोपालगंज : गोपालगंज की छात्रा इकिशा साह की आत्महत्या ने पूरे परिवार को झकझोर कर दिया. इकिशा शहर के हजियापुर चौक निवासी राम राघव साह की पुत्री थी. परिवार के साथ नोएडा सेक्टर 52 में रहकर मयूर विहार, दिल्ली के एल्कॉन पब्लिक स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ती थी. इकिशा के पिता मशहूर कथक डांसर हैं. आत्महत्या के बाद गुरुवार को परिवार के सदस्य मीडिया के सामने आये. इकिशा के दादा हरिहर साह ने कहा कि उनकी पोती झूठ नहीं बोलती थी. छात्रा की आत्महत्या के बाद स्कूल प्रशासन द्वारा शिक्षकों को बचाने के लिए गलत बयान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षक के उत्पीड़न से तंग आकर ही उसने आत्महत्या की.
यदि उनकी पोती झूठी और गलत होती तो आत्महत्या नहीं करती. हरिहर साह ने कहा कि उनकी पोती नृत्य कलाकार के अलावा डॉक्टर बनना चाहती थी, लेकिन स्कूल के शिक्षकों के उत्पीड़न से उन्होंने पोती तो देश ने कथक का बड़ा कलाकार खो दिया. दादा ने आरोप लगाया कि पोती को चार माह से परेशान किया जा रहा था. साइंस की महिला शिक्षिका और एक शिक्षक द्वारा मानसिक रूप से शोषण किया जा रहा था. साथ ही उनकी पोती को शिक्षकों द्वारा धमकी दी जा रही थी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसे फेल कर स्कूल से भी निकलवा दिया जायेगा. इसी डर से इकिशा उसका विरोध तक नहीं कर पाती थी.
उन्होंने कहा कि कई बार उसके साथ शिक्षकों द्वारा मारपीट भी की गयी थी. दोनों शिक्षकों ने जान-बूझ कर एसएसटी और विज्ञान में फेल कर दिया. फेल होने से पहले वह कहती थी कि कितना भी पढ़ें, लेकिन उसके शिक्षक पास नहीं होने देंगे. इसके अलावा फेल होने पर उस पर हंसे भी थे. वहीं, छात्रा के चाचा का आरोप है कि पुरुष शिक्षक मानसिक और शारीरिक रूप से हमारी बेटी का शोषण करता रहा. एक बार भी स्कूल की शिक्षिका ने शिक्षक होने का कर्तव्य नहीं निभाया. परिजनों ने कहा कि न्याय के लिए हर जगह लड़ेंगे. इसके लिए आंदोलन और अदालत का रास्ता भी अपनायेंगे.
परेशान होकर भाई को छोड़ना पड़ा था स्कूल : परिजनों ने बताया कि छात्रा का बड़ा भाई आर्यन साह इसी स्कूल में पढ़ता था. स्कूल में कुछ शिक्षक गलत व्यवहार करते थे और इसका वह विरोध करता था, जो शिक्षक को पसंद नहीं था. इसी कारण शिक्षक उसे परेशान करने लगे थे. इस कारण 2015 में उसे स्कूल छोड़ना पड़ा. उसके स्कूल छोड़ने के बाद जब छात्रा नौवीं में आयी तो उन्हीं शिक्षकों ने उसकी बहन को परेशान करना शुरू कर दिया, लेकिन बहन और माता-पिता इसलिए आर्यन को नहीं बताते थे कि उसे गुस्सा अधिक आता है. वह स्कूल में ही शिक्षकों से भिड़ जायेगा.
गोपालगंज के हजियापुर की रहनेवाली थी इकिशा चाचा ने कहा, न्याय के लिए आंदोलन व अदालत दोनों अपनायेंगे
सुसाइड से 20 मिनट पहले की थी बात
पीड़ित पिता ने बताया कि सुसाइड करने से 20 मिनट पहले उनकी इकिशा से बात हुई थी. उन्होंने बताया कि घर आने पर जब इकिशा नहीं दिखी तो खोजबीन करने लगे. उन्होंने देखा कि वह घर के एक कमरे में लटकी हुई है. इकिशा की आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप शिक्षकों पर लगाते हुए इंसाफ के लिए पुलिस से मांग की है.
बिरजू महाराज के शिष्य हैं इकिशा के माता-पिता
इकिशा के परिजनों ने कहा कि कथक गुरु बिरजू महाराज ने भी छात्रा को शिष्य बनाने की घोषणा की थी. माता-पिता और उनके कथक गुरु बिरजू महाराज ने छात्रा को बड़ा कलाकार बनने के गुण बताये थे. अच्छा नृत्य करने के कारण ही स्कूल के शिक्षकों ने छात्रा को छोटे बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए कहा था. इसके लिए कई दिन छात्रा ने बच्चों को नृत्य का प्रशिक्षण भी दिया, लेकिन शिक्षकों द्वारा नृत्य और सांस्कृतिक परीक्षा में बी-ग्रेड दिया गया.
कथक डांसर थी इकिशा : इकिशा के भाइयों ने बताया कि उनकी बहन बहुत अच्छी कथक डांसर थी. वह बिरजू महाराज की तरह कथक डांसर बनना चाहती थी. चाचा ने कहा कि पिता से मंगलवार (20 मार्च) की सुबह फोन पर उसने बताया था कि उसका डांस का एक प्रोग्राम था. वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल ने भी कहा कि उनकी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं.
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