सासामुसा : घायल मजदूर की मौत के बाद लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. लोगों के आक्रोश के पीछे चीनी मिल एवं प्रशासन द्वारा घायलों को एक रुपये का भी मुआवजा नहीं देना था. पैसे के अभाव में गोरखपुर के बाम्बे अस्पताल में श्यामपुर गांव के पारस गिरि की मौत हो गयी. पैसा होता तो शायद उन्हें पीजीआई लखनऊ या किसी बड़े अस्पताल में लेजाकर इलाज कराया जा सकता था. गोरखपुर के नीजी अस्पताल में 50 हजार अब भी पारस गिरि के परिजनों पर बकाया है.
ग्रामीण जितेंद्र यति, जितेंद्र गिरि समेत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की तरफ से भी कोई पहल घायलों के इलाज के लिए नहीं किया गया. प्रशासन की तरफ से घायलों को किसी तरह का मुआवजा देने से हाथ खड़ा कर दिया गया है, आखिर उनका क्या कसूर है. प्रशासन के अधिकारी भी ग्रामीणों के इस आरोप को खामोशी से सुनते रहे. लोगों के आरोपों को सुनने के बाद अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को चेकर देकर हाथ जोड़ लिया.