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एक साल में नहीं मिली पोस्टमार्टम भवन के लिए जमीन

गोपालगंज : प्रशासन को एक साल से जिला मुख्यालय में पोस्टमार्टम भवन निर्माण के लिए जमीन नहीं मिल रही है. पोस्टमार्टम भवन बनाने के लिए महज 35 सौ वर्ग फुट जमीन की आवश्यकता है. यहां तक कि भवन निर्माण के लिए टेंडर भी हो चुका है और राशि भी आवंटित हो चुकी है. लेकिन, जिला […]

गोपालगंज : प्रशासन को एक साल से जिला मुख्यालय में पोस्टमार्टम भवन निर्माण के लिए जमीन नहीं मिल रही है. पोस्टमार्टम भवन बनाने के लिए महज 35 सौ वर्ग फुट जमीन की आवश्यकता है. यहां तक कि भवन निर्माण के लिए टेंडर भी हो चुका है और राशि भी आवंटित हो चुकी है. लेकिन, जिला प्रशासन जमीन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.

मालूम हो कि वर्ष 2016 में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश बिहार स्वास्थ्य सेवा आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड ने गोपालगंज जिला मुख्यालय में पोस्टमार्टम भवन निर्माण के लिए कार्ययोजना सहित इस्टीमेट तैयार किया. इसके अनुसार टेंडर निकाल कर कार्य एजेंसी को भवन निर्माण शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी. इसके साथ ही जिला स्वास्थ्य समिति को पत्र भेज कर पोस्टमार्टम भवन बनाने के लिए 35 सौ वर्ग फुट जमीन की आवश्यकता जतायी गयी.

इसके बाद जिला स्वास्थ्य समिति ने भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराने को लेकर सदर सीओ व अपर समाहर्ता को पत्र भेज दिया जिसमें पुराने चिराई घर के पास या सदर अस्पताल के नजदीक ही जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया. लेकिन, साल भर बीतने के बाद भी सदर सीओ या अपर समाहर्ता द्वारा पोस्टमार्टम भवन बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करायी गयी. इससे यह योजना अधर में लटक गयी है.

जर्जर भवन होता है पोस्टमार्टम : जिला मुख्यालय के कॉलेज रोड स्थित चिराई घर में ही शवों का पोस्टमार्टम होता है. यह भवन करीब 50 वर्ष पुराना व जर्जर है. इस जर्जर भवन में ही डॉक्टर शवों का पोस्टमार्टम करते हैं. इस भवन में जरूरी संसाधनों का घोर अभाव है. आइस रूम नहीं है, रिकॉल रूम नहीं है. बेसरा रखने की व्यवस्था नहीं है. यहां तक कि डॉक्टरों के बैठने के लिए भी रूम नहीं है. साथ ही भवन व उसके आसपास काफी गंदगी का माहौल है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर यहां आकर जैसे-तैसे पोस्टमार्टम करते हैं और अपनी ड्यूटी पूरी करते हैं. इन्हीं कारणों को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति ने नये पोस्टमार्टम भवन के निर्माण के लिए विभाग से डिमांड की थी, जिसे पूरा करते हुए विभाग ने राशि आवंटन करने के साथ ही टेंडर भी करा दिया. लेकिन, यहां जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण योजना ठंड बस्ते में पड़ी हुई है.
जमीन अभाव बना पेच
साल भर पहले ही पोस्टमार्टम भवन बनाने के लिए सदर सीओ व अपर समाहर्ता को पत्र भेजा गया था. जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण भवन निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है.
अरविंद कुमार, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य विभाग
एक नजर योजना पर
35 सौ वर्ग फुट जमीन की जरूरत है पोस्टमार्टम भवन के लिए
वर्ष 2016 में ही जिला स्वास्थ्य समिति ने जमीन उपलब्ध कराने के लिए सदर सीओ को भेजा था पत्र

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