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लोटा परेड से मुक्ति को शौचालय को बनाएं स्टेटस सिंबल

65 फीसदी लोग आज भी करते हैं लोटा परेड गोपालगंज : बंगला, गाड़ी, फ्रिज जहां वर्तमान में स्टेटस सिंबल बने हैं, वहीं शादी-विवाह के अवसर पर आकर्षक सजावट से लेकर महंगे कार्ड छपवाना भी लोगों के लिए शान की बात बन गयी है. खास कर शादी-विवाह के अवसर पर अधिक-से-अधिक खर्च करने की होड़ मची […]

65 फीसदी लोग आज भी करते हैं लोटा परेड

गोपालगंज : बंगला, गाड़ी, फ्रिज जहां वर्तमान में स्टेटस सिंबल बने हैं, वहीं शादी-विवाह के अवसर पर आकर्षक सजावट से लेकर महंगे कार्ड छपवाना भी लोगों के लिए शान की बात बन गयी है. खास कर शादी-विवाह के अवसर पर अधिक-से-अधिक खर्च करने की होड़ मची है.
कर्ज लेकर भी शादी-विवाह को खास बनाने में गरीब से अमीर तक लगे हैं, लेकिन शादी के बाद वही दुल्हन जब ससुराल आती है, तो उसे शौच के लिए सरेह और सड़क का रुख करना पड़ता है.
ऐसे में क्या शौचालय स्टेटस सिंबल नहीं बन सकता? आइये, आधुनिकता की दौर में हम सभी शौचालय को भी स्टेटस सिंबल बनाएं और लोटा परेड से मुक्ति के साथ-साथ जिले को पूर्ण ओडीएफ करने का सपना साकार करें. विगत डेढ़ साल से घर-घर में शौचालय बनवाने के लिए अभियान चल रहा है. अभियान को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार में लाखों की राशि खर्च हो चुकी है. इसके बावजूद आज भी 65 फीसदी जिलावासी लोटा परेड में मग्न हैं. जिले में लिंगानुपात के मामले में महिलाएं अधिक हैं. आधी आबादी की भी इज्जत का ख्याल रखना होगा. प्रतिदिन प्रति वार्ड कम-से-कम पांच शौचालय बनवाने का संकल्प लिया जा रहा है, लेकिन धरातल पर सफलता नाम मात्र की है. ऐसे में सामाजिक जागरूकता के बजाय मानसिक जागरूकता लानी होगी और मानसिक रूप से जागरूक भी होना होगा. क्योंकि, कई ऐसे भी हैं जो घर में शौचालय रहते हुए भी लोटा परेड में लगे हैं.

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