बैकुंठपुर : यहां हर आंख में आंसू थे. चेहरे पर गर्व का भाव था. सबके कदम प्रवीण के घरों की ओर थे. वह प्रवीण जो दुनिया छोड़ चुका है, लेकिन उसकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए लोग बेताब थे. यह नजारा था स्थानीय प्रखंड के बनौरा गांव का जहां शनिवार को एक तरफ गम के आंसू थे, तो दूसरी तरफ गर्व से ग्रामीणों का चौड़ा होता सीना. प्रखंड के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण वीर सपूत की विदाई के लिए बनौरा पहुंचे थे. अंतिम यात्रा में भारत जिंदाबाद और प्रवीण अमर रहे का गगनभेदी नारा गूंज रहा था. शहीद प्रवीण के दरवाजे पर पार्थिव शरीर आने का इंतजार ग्रामीणों ने शुक्रवार की देर रात तक किया.
आधी रात के बाद जब सेना के जवान विशेष वाहन से शव लेकर पहुंचे, तो उनके चाहने वाले दर्शन को टूट पड़े. सतरघाट स्थित पवित्र नारायणी नदी के तट पर सैनिक सम्मान के साथ शहीद प्रवीण कुमार को अंतिम विदाई दी गयी. मालूम हो कि शहीद प्रवीण का शव जम्मू-कश्मीर में सलामी देने के बाद एयरफोर्स कैंप से विशेष विमान द्वारा पटना लाया गया. पटना से सेना के वाहन द्वारा पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बैकुंठपुर थाने के बनौरा पहुंचा. जवान, जिला पुलिस बल के अधिकारी एवं अन्य जवान शामिल हुए. सतरघाट में सेना के जवानों द्वारा सलामी दी गयी. 36 राउंड गोलियों की सलामी हुई. मुखाग्नि शहीद के छोटे भाई प्रदीप कुमार ने दी. प्रशासन के अधिकारियों में एसडीओ सदर, पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी पुलिस इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष सहित पुलिस एवं सिविल प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने भी शहीद को सलामी दी. वहीं, सांसद जनक राम, विधायक मिथिलेश तिवारी, पूर्व विधायक मंजीत कुमार सिंह, प्रेम शंकर प्रसाद यादव, प्रमुखपति प्रदीप यादव, जिला पर्षद सदस्य विजय बहादुर यादव ने वीर सपूत को पुष्पांजलि अर्पित की.