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गंडक का कालामटिहनिया में बढ़ा दबाव

चिंता. नदी की धारा मोड़ पाने में पायलट चैनल के सफल होने पर उठे सवाल गंडक नदी का मामूली जल स्तर बढ़ा है, लेकिन कालामटिहनिया पर दबाव तेज है. लोग सहम उठे हैं. पायलट चैनल की सफलता पर सवाल उठाये जा रहे हैं. कालामटिहनिया : जरा इस तसवीर को गौर से देखिए. पहले तसवीर में […]

चिंता. नदी की धारा मोड़ पाने में पायलट चैनल के सफल होने पर उठे सवाल

गंडक नदी का मामूली जल स्तर बढ़ा है, लेकिन कालामटिहनिया पर दबाव तेज है. लोग सहम उठे हैं. पायलट चैनल की सफलता पर सवाल उठाये जा रहे हैं.
कालामटिहनिया : जरा इस तसवीर को गौर से देखिए. पहले तसवीर में कालामटिहनिया में बनाये गये पायलट चैनल दिख रहा. आगे एक मशीन शिल्ट की सफाई में जुटी है. दूसरी तसवीर में नदी की धारा को मोड़ने के लिए बांस-बल्ली लगा कर पारको पाइन बनाया गया है. बाढ़ नियंत्रण विभाग का दावा है कि पायलट चैनल एक्टीवेट होते ही कालामटिहिनया से दबाव समाप्त हो जायेगा. इसके लिए आठ करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है. हकीकत पर नजर डाले तो यहां पायलट चैनल फेल होता नजर आ रहा है. पायलट चैनल से नदी की धारा को मोड़ना अब संभव प्रतीत नहीं हो रहा, जिससे पूरे इलाके के लोग सहमे हुए हैं.
एक बार फिर बाढ़ की त्रासदी कालामटिहिनिया समेत 60 हजार लोगों के सिर पर मंडराने लगी है. गंडक दियारा संघर्ष समिति के संयोजक अनिल कुमार मांझी की मानें, तो पायलट चैनल के निर्माण में बंदरबाट की गयी है. जितनी राशि पायलट चैनल पर खर्च की गयी है, उसमें अभी से ही शिल्ट जमा होने लगा है. नदी में जब बाढ़ का पानी आयेगा तो स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा अभी से लगाया जा सकता है. वहीं दूसरी तरफ कालामटिहनिया में किये गये एंटीरोजन वर्क भी 50 मीटर से अधिक नदी में समा गया था, जिसे रिस्टोर करने का काम विभाग कर रहा है.
बाढ़ पीड़ितों को मिलेगी नाव व शौचालय की सुविधा : बाढ़ पीड़ितों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा व्यापक पैमाने पर तैयारी की गयी है. ऐसे तो गोपालगंज जिले के कुचायकोट, गोपालगंज, मांझा, बरौली, सिधवलिया एवं बैकुंठपुर सहित छह अंचल बाढ़ प्रभावित हैं. इन अंचलों के बाढ़पीड़ितों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने पाये
, इसका ख्याल भी जिला प्रशासन के द्वारा रखा गया है. डीएम के निर्देश पर सभी बाढ़ प्रभावित अंचलों के अंचल पदाधिकारियों के द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में व्यापक तैयारियां की गयी है. जिसके तहत 36 शरण स्थली चिह्नित की गयी हैं, जहां पर बाढ़पीड़ित परिवार शरण लेंगे. बाढ़पीड़ितों को उनके घरों से शरण स्थल तक पहुंचाये जाने को लेकर 150 नावें जहां लगायी गयी हैं. वहीं 94 नयी नावों की खरीद की प्रक्रिया जारी है. इनमें 47 बड़ी एवं 47 मझोली हैं. इतना ही नहीं छह महाजाल, 400 लाइफ जैकेट, 12 मोटर वोटों की व्यवस्था की गयी है.
शरण स्थलों पर कैंप करेंगी स्वास्थ्य विभाग की टीम : शरण स्थलों पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मेडिकल टीम तैनात की जायेगी, जिनके द्वारा बाढ़पीड़ितों की स्वास्थ्य जांच की जायेगी और उन्हें जीवन रक्षक दवाएं भी मुहैया करायी जायेंगी. वहीं बाढ़पीड़ितों के लिए स्वच्छ पेयजल, चलंत शौचालय आदि की व्यवस्था भी प्रशासन के द्वारा की गयी है.
बाढ़ पीड़ितों की देखरेख के लिए अंचल पदाधिकारी के द्वारा राजस्व कर्मचारी एवं गृहरक्षकों की तैनाती की जायेगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
पायलट चैनल कई जगह सफल हुआ है. यहां भी सफल होगा. पायलट चैनल में शिल्ट होने की खबर मिली थी, जिसे साफ करने का निर्देश दिया गया है. हर स्तर पर विभाग निबटने के लिए तैयार है.
कुमार जयंत, मुख्य अभियंता, बाढ़ नियंत्रण विभाग

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