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गांधी के मार्ग से समाज में आयेगी शांति

पहले दिन दिखायी गयीं ‘क्षमा’ व ‘गांधी से महात्मा तक’ कंचन गया : गांधी पेनोरमा फिल्म फेस्टिवल गया के रेनेसांस में शुरू हो गया है. गुरुवार को इसका उद्घाटन आयुक्त लियान कुंगा ने किया. पहले दिन महात्मा गांधी पर आधारित दो फिल्में क्षमा व गांधी से महात्मा तक दिखायी गयीं. इस मौके पर आयुक्त ने […]

पहले दिन दिखायी गयीं ‘क्षमा’ व ‘गांधी से महात्मा तक’
कंचन
गया : गांधी पेनोरमा फिल्म फेस्टिवल गया के रेनेसांस में शुरू हो गया है. गुरुवार को इसका उद्घाटन आयुक्त लियान कुंगा ने किया. पहले दिन महात्मा गांधी पर आधारित दो फिल्में क्षमा व गांधी से महात्मा तक दिखायी गयीं.
इस मौके पर आयुक्त ने कहा कि महात्मा गांधी के विचार व सिद्धांत पर ही देश आगे बढ़ सकता है. उनके सत्य व अहिंसा के मार्ग काे अपना कर समाज में शांति व सद्भाव कायम हो सकता है. यह सबसे बड़ा अस्त्र है. उन्होंने कहा है कि बंदूक से कभी बदलाव नहीं लाया जा सकता. महात्मा गांधी ने जाति-धर्म से ऊपर उठ कर मानव धर्म की हमेशा वकालत की.
इस फिल्मोत्सव का आयोजन कला, संस्कृति व युवा विभाग, बिहार राज्य फिल्म विकास व वित्त निगम लिमिटेड तथा जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहा है.
गांधी के बहाने नक्सलियों पर निशाना : लियान कुंगा ने महात्मा गांधी के अहिंसा को सबसे बड़ा हथियार बताते हुए नक्सलवाद पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आतंकवादी व नक्सलवादियों को पनाह न दें. ये लोग कभी भी शांति का माहौल बनने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के बिना देश का विकास नहीं हाे सकता.
गांधी पेनाेरमा फिल्म महाेत्सव के चेयरमैन देवेंद्र खंडेलवाल ने अतिथियों को महात्मा गांधी की प्रतिकृति प्रतीक चिह्न के रूप में भेंट की. धन्यवाद ज्ञापन वरीय उप समाहर्ता अनिल कुमार ने किया.
इस मौके पर गांधी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘क्षमा’ व ‘गांधी से महात्मा तक’ का प्रदर्शन किया गया. क्षमा फिल्म उनके बचपन की एक घटना पर आधारित है जिसमें गांधी एक गलती करते हैं व बाद में गलती स्वीकार करते हुए क्षमा भी मांग लेते हैं. ‘गांधी से महात्मा तक’ में गांधीजी के दक्षिण अफ्रीका में जाकर गांधी से महात्मा बनने की कहानी है.
उद्घाटन कार्यक्रम में आयुक्त व डीएम के अलावा जिला पंचायत राज पदाधिकारी सह आेएसडी विनाेद कुमार सिंह, वरीय उप समाहर्ता अनिल कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी मनाेज कुमार, उप निदेशक (सूचना व जनसंपर्क) दिलीप कुमार देव, साहित्यकार गाेवर्द्धन प्रसाद सदय समेत अन्य उपस्थित थे.
गया व बोधगया शांति के प्रतीक : डीएम
डीएम कुमार रवि ने अपने संबाेधन में कहा कि देश काे ब्रिटिश हुकूमत से गांधी जी ने अहिंसा के बल पर आजादी दिलायी थी, लेकिन किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि ऐसा भी हो सकता है. गांधी जी वर्ष 1917 में चंपारण पहुंचे थे आैर वहां के किसानाें द्वारा नील की खेती कराये जाने व अंगरेजाें द्वारा जुल्म ढाये जाने के विराेध में चंपारण सत्याग्रह शुरू किया था. गया व बाेधगया शांति का प्रतीक है. यहीं से महात्मा बुद्ध ने शांति का संदेश दिया था.
लड़कियों के जींस पहनने पर कसा तंज
आयुक्त ने जींस पैंट व स्कर्ट पहनने को लेकर तंज कसते हुए कहा कि कहा कि गांधी जी ने कहा था कि अपनी परंपरा व संस्कृति को कभी गिरवी न रखो. गांधीजी ने विदेशी कपड़ों के इस्तेमाल का विरोध किया था, लेकिन अहिंसात्मक तरीके से. आज हमारे घर की लड़कियां जींस पैंट व स्कर्ट पहन कर घर से बाहर निकलती हैं, ताे पता ही नहीं चलता है कि लड़का है या लड़की. उन्होंने कहा कि हमें भारतीय संस्कृति व परिधान को ही अपनाना चाहिए. यही बेहतर है.

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