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हॉस्टल की कमी से जूझ रहे पीजी के स्टूडेंट्स
बोधगया : मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित पीजी के विभिन्न विभागों में नामांकन लिये ज्यादातर स्टूडेंट्स हॉस्टल की कमी से जूझ रहे हैं. नियमित क्लास करने की इच्छा रखने व रोज की आवाजाही से परहेज करनेवाले अधिकतर छात्र-छात्राओं को हॉस्टल मयस्सर नहीं हो पा रहा है. हॉस्टलों की कमी व मौजूद हॉस्टलों में वोकेशनल कोर्सों के […]
बोधगया : मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित पीजी के विभिन्न विभागों में नामांकन लिये ज्यादातर स्टूडेंट्स हॉस्टल की कमी से जूझ रहे हैं. नियमित क्लास करने की इच्छा रखने व रोज की आवाजाही से परहेज करनेवाले अधिकतर छात्र-छात्राओं को हॉस्टल मयस्सर नहीं हो पा रहा है. हॉस्टलों की कमी व मौजूद हॉस्टलों में वोकेशनल कोर्सों के स्टूडेंट्स को जगह दिये जाने के कारण फिलहाल एमयू में पीजी के स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल की समस्या पैदा हो गयी है. हालांकि, एमयू प्रशासन ने इस दिशा में पहल भी की है, पर अब तक इसका लाभ छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है.
मात्र तीन हॉस्टलों में रहते हैं पीजी के स्टूडेंट्स : मगध विश्वविद्यालय परिसर में पहले से ही हॉस्टल के सात भवन बने हैं. इनमें मात्र तीन हॉस्टलों में ही पीजी के स्टूडेंट्स को रखने की व्यवस्था है.
शेष में वोकेशनल कोर्स, आइआइएम व विदेशी स्टूडेंट्स रहते हैं. जानकारी के अनुसार, हॉस्टल नंबर पांच में पीजी की 200 छात्राएं, हॉस्टल नंबर दो में 100 व हॉस्टल नंबर सात में पीजी के 200 स्टूडेंट्स के रहने की व्यवस्था है. इसके अलावा हॉस्टल नंबर एक में वोकेशनल कोर्सों की छात्राओं व हॉस्टल नंबर चार में वोकेशनल कोर्सों के छात्रों को रखा गया है. इसके बाद हॉस्टल नंबर तीन में विदेशी स्टूडेंट्स, जिनका नामांकन बौद्ध अध्ययन विभाग, पालि, दर्शनशास्त्र व अन्य विभागों में है, को रहने की सुविधा मुहैया करायी गयी है, जबकि हॉस्टल नंबर छह को आइआइएम के स्टूडेंट्स के हवाले कर दिया गया है.
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