यहां जगह-जगह कचरे का अंबार, कुछ लोगों के घरों में शौचालय बना है, तो उसका बहाव नदी में ही नजर आया. शीला देवी से जब टीम के सदस्यों ने पूछा कि यहां शौचालय बनाया गया है कि नहीं, तो उन्होंने कहा कि वह शुरू से ही नदी का इस्तेमाल करती आ रही हैं. तीन सदस्यों ने यहां पहुंच कर स्वच्छता सर्वेक्षण का काम शुरू किया है. सर्वेक्षण का काम तीन दिनों तक चलेगा. टीम वार्ड 42 के दौनापुर, पाइप गली पहुंच कर थोड़ी संतुष्ट दिखी. यहां के लोगों ने बताया कि साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक है. कई घरों में शौचालय नहीं होने से परेशानी होती है.
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नदी को ही शौचालय के रूप में करते हैं इस्तेमाल
गया:कूड़ा गिराने व शौचालय के रूप में फल्गु नदी का सहारा लेते हैं. कचरा का उठाव इस मुहल्ले से नगर निगम कभी नहीं करता. कम्युनिटी शौचालय है नहीं, व्यक्तिगत शौचालय बनाने की हैसियत नहीं है. उक्त बातें वार्ड 38 के नादरागंज नदी किनारे रहनेवाले लोगों ने अरबन डेवलपमेंट मंत्रालय की (क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) स्वच्छ […]
गया:कूड़ा गिराने व शौचालय के रूप में फल्गु नदी का सहारा लेते हैं. कचरा का उठाव इस मुहल्ले से नगर निगम कभी नहीं करता. कम्युनिटी शौचालय है नहीं, व्यक्तिगत शौचालय बनाने की हैसियत नहीं है. उक्त बातें वार्ड 38 के नादरागंज नदी किनारे रहनेवाले लोगों ने अरबन डेवलपमेंट मंत्रालय की (क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) स्वच्छ सर्वेक्षण टीम के सदस्यों को बताया.
वार्ड 46 के बक्सुबिगहा में साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक दिखी. लोगों ने बताया कि यहां पर स्कूल का भवन नहीं होने से मंदिर में स्कूल चलता है. कई वर्षों से पाइप लाइन बिछाया गया है, पर पानी सप्लाइ शुरू नहीं की जा रही है. 70 लोगों को हाउस फॉर ऑल के तहत आवास योजना का लाभ देने के लिए खुदाई कर रखा है, पर अब तक एक भी किस्त नहीं दी गयी है. नारायण चुआं शौचालय की व्यवस्था देख कर टीम के सदस्यों ने कुछ बोला तो नहीं, पर इसकी वस्तुस्थिति की ऑनलाइन रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी. इसके अलावा रामपुर दलित टोला, स्टेशन रोड डोम टोली, हरिजन टोली इमलियाचक व किरानी घाट दलित बस्ती में टीम के सदस्यों ने व्यवस्था को देखा व लोगों से जानकारी ली. टीम में सीनियर लीडर सत्येंद्र कुमार सिंह के अलावा शंकर लाल व अजय कुमार शामिल हैं.
नहीं होता कूड़े का उठाव: व्यावसायिक क्षेत्र केपी रोड, बजाजा रोड, जीबी रोड, टिकारी रोड व रमना रोड आदि में टीम के सदस्यों को लोगों ने बताया कि दुकान के पास डस्टबीन लगाया गया है, पर कूड़े का उठाव समय पर नहीं किया जाता है. बाजार में एक भी जगह कम्युनिटी टॉयलेट नहीं होने से लोगों को परेशानी होती है. निगम की व्यवस्था पर भी लोगों ने सवाल खड़ा किया.
नहीं दिखी जागरूकता: वार्डों में किसी जगह टीम को स्वच्छता के प्रति निगम से चलाये जा रहे जागरूकता अभियान की झलक नहीं दिखी. यहां तक कि शहर में कई जगहों पर बने सामुदायिक शौचालयों में स्वच्छ भारत मिशन के पोस्टर या बैनर नहीं लगे दिखे.दलित बस्ती में जहां भी टीम के सदस्य गये, वहां कहीं डस्टबीन नहीं दिखा. इसके अलावा बायोमीटरिक सिस्टम से कर्मचारियाें की उपस्थिति की जानकारी टीम के सदस्यों ने ली. निगम के वाहन में जीपीएस की जानकारी ली.
टीम के सदस्यों को वार्ड 38 के बदले निगम के कर्मचारियों ने वार्ड 39 के दलित टोले में पहुंचा दिया. यहां के लोगों से पूरी जानकारी लेने के बाद टीम के सदस्यों को बात का पता चला. हालांकि इसके बाद भी नगर निगम के कर्मचारी जिद करते रहे कि वार्ड 38 में यह मुहल्ला पड़ता है.
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