गया: डीड राइटर उमेशचंद्र सिन्हा के विरुद्ध पुलिस द्वारा जबरन प्राथमिकी दर्ज कराने के मामले में जिला अवर निबंधक पदाधिकारी सुकुमार झा ने शुक्रवार को डीएम सह जिला निबंधक पदाधिकारी बाला मुरुगन डी को अपना स्पष्टीकरण भेज दिया है.
उन्होंने इस मामले में गया पुलिस की करतूतों की रिपोर्ट भी डीएम को भेजी है. अब डीएम को फैसला लेना है कि इस मामले में अवर निबंधक पदाधिकारी दोषी हैं या पुलिस पदाधिकारी. अगर कोई नहीं दोषी है तो फिर डीड राइटर जेल में बंद क्यों हैं? उधर, प्रशासनिक महकमे में चर्चा है कि डीड राइटर के मामले में अवर निबंधक पदाधिकारी द्वारा पुलिस पदाधिकारियों की करतूत को सार्वजनिक करने की सजा उन्हें मिल सकती है.
क्योंकि, सुकुमार झा के खुलासे से पुलिस की बड़ी फजीहत हुई है. वहीं, बिहार दस्तावेज नवीस संघ इस इंतजार में है कि अगर अवर निबंधक पदाधिकारी पर कार्रवाई हुई तो संघ के सदस्य फिर से कलमबंद हड़ताल पर चले जायेंगे. संघ के लोगों का मानना है कि अवर निबंधक पदाधिकारी अब तक के कार्यकाल में कभी विवादित नहीं रहे.