गया: जिले के विभिन्न थानों में लंबित मामलों ने पीड़ितों की परेशानी बढ़ाने के साथ मामले की गंभीरता व अनुसंधान को भी प्रभावित कर रहा है. थानों में पीड़ित लोगों द्वारा मामले दर्ज कराने के बाद उन्हें अदालत से न्याय की उम्मीद जग जाती है. पर, मामले के अनुसंधानकर्ताओं की लापरवाही के कारण उनके मामले न्यायालय तक पहुंचने में काफी वक्त लगा जाता है. इससे पीड़ित को तो न्याय मिलने में देर होती ही है, इसके कारण नये विवाद भी पैदा हो जाते हैं.
आरोपित को सजा नहीं मिलने की स्थिति में उसका मनोबल भी बढ़ जाता है व पीड़ितों को सताने की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है. मार्च, 2016 तक जिले के विभिन्न थानों में 5649 मामले लंबित हैं व इनका चार्जशीट अब तक अनुसंधानकर्ताओं ने अदालत को नहीं सौंपा है. हालांकि, इसमें तेजी लाने के लिए एसएसपी गरिमा मलिक ने सभी थानेदारों को सख्त हिदायत देते हुए लंबित मामलों को तेजी से निबटाने का निर्देश दिया है.
कोताही बरतनेवालों पर होगी कार्रवाई
सभी थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि संबंधित अनुसंधानकर्ताओं (आइओ) को अपने-अपने केस के निष्पादन में तेजी लाने के लिए प्रेरित करें. साथ ही तबादला हो चुके व केस का चार्ज नहीं सौंपने वाले आइओ को नोटिस भी भेजा जा रहा है. मामलों के निबटारे में कोताही व सुस्ती बरतनेवालों पर कार्रवाई भी की जा सकती है.
गरिमा मलिक, एसएसपी, गया