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गरमी में बरसात का टेंशन
पार्षद व कनीय अभियंता की खींचतान में वार्ड 15 में नाले का काम रुका पड़ा है. इसके लिए ठेकदार को एडवांस पैसा भी जा चुका है. कनीय अभियंता का अपना तर्क है, तो वार्ड पार्षद की अपनी दलील. इन दोनों के चक्कर में आमलाेगों की समस्या बढ़ती नजर आ रही है. गया : कनीय अभियंता […]
पार्षद व कनीय अभियंता की खींचतान में वार्ड 15 में नाले का काम रुका पड़ा है. इसके लिए ठेकदार को एडवांस पैसा भी जा चुका है. कनीय अभियंता का अपना तर्क है, तो वार्ड पार्षद की अपनी दलील. इन दोनों के चक्कर में आमलाेगों की समस्या बढ़ती नजर आ रही है.
गया : कनीय अभियंता व पार्षद की आपसी खींचतान में निगम के वार्ड नंबर-15 (मन्नूलाल लाइब्रेरी के पास) के मेन नाले का काम पेंडिंग में है. पार्षद अनीता अनु, कनीय अभियंता फ्रांसिस बारला पर लापरवाही का आरोप लगाती हैं, तो कनीय अभियंता पार्षद पर प्रताड़ित करने का आरोप मढ़ते हैं.
इन दोनों के आरोप-प्रत्यारोप के चक्कर में कामकाज जहां का तहां पड़ा है और लोग-बाग कुछ निष्कर्ष निकल आने का इंतजार कर रहे हैं. अगर, ऐसा ही कुछ दिन और रह गया और कामकाज टलता रहा, तो बरसात का भी आगमन हो जायेगा. नाला जाम होने व जलजमाव की स्थिति से फिर जूझना पड़ सकता है.
इधर, काम में हो रही देरी पर नगर आयुक्त ने कनीय अभियंता को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था. दो बार स्पष्टीकरण के बाद भी कनीय अभियंता ने नगर आयुक्त को कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद नगर आयुक्त ने अपने तीन मार्च के आदेश में कनीय अभियंता सह योजना के विभागीय ठेकेदार फ्रांसिस बारला को योजना ठेकेदार पद से हटाते हुए कनीय अभियंता किशोर कुमार को ठेकेदार नियुक्त कर दिया है.
जल्द काम नहीं हुआ, तो पानी लगना तय
मन्नूलाल लाइब्रेरी के पास नाले का काम जल्द पूरा नहीं कराया गया, तो इस रोड में सड़क पर पानी जमा होना तय है. ऐसे ही बरसात में यहां पानी जमा हो जाता है. मुरारपुर काली स्थान के पास से मणि रोड तक नाले का निर्माण पहले ही पूरा कर दिया गया है. इसके बाद नाला निर्माण नहीं होने से नाला जाम हो गया है. काम नहीं होने के कारण मुरारपुर नाले को मेन नाले से जोड़ा नहीं जा सका है.
कनीय अभियंता अपने बचाव में आरोप लगा रहे हैं. जिस वार्ड में काम कराया जाता है, उस योजना के बारे में जनता की जानकारी के लिए शिलापट्ट भी नहीं लगाया जाता है. कनीय अभियंता द्वारा पहले भी नाले का काम कराया गया है. इसमें जहां-तहां सड़क के किनारे गड्ढा छोड़ दिया गया है. नगर विकास विभाग को पत्र देकर निगम द्वारा विभागीय कार्य कराने का विरोध किया गया है. जिस कनीय अभियंता द्वारा प्राक्कलन बनाया जाता है, उसी अभियंता द्वारा योजनाओं का कार्य व मेजरमेंट बुक भरा जाता है. निगम के अभियंता को ठेकेदार बनाये जाने के कारण ही योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी होती है. विभागीय कामकाज कराने के बजाय इ-टेंडर से योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जाये. इन सब की जानकारी प्रधान सचिव को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है.
पार्षद व पार्षद पति ने इस कदर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया कि मैं बीमार हो गया. पार्षद नाले का निर्माण अपना आदमी रख कर कराना चाहते थे. इसके लिए मैं तैयार नहीं हुआ. मैंने जब पार्षद से कहा कि कामकाज की गुणवत्ता की जांच करा लें, पर वह नहीं मानीं. कामकाज में लापरवाही का मामला बना कर नगर आयुक्त से शिकायत कर दीं, एक पत्र भी फाइल कर दिया. इसके बाद बालू उठाव पर रोक लग जाने के कारण काम शुरू नहीं कराया जा सका. उनके साथ काम करना संभव नहीं है.
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