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दबंगई : नगर निगम क्षेत्र में बनीं दुकानों का नहीं मिलता किराया, किसी को परवाह नहीं, निगम के पास नहीं है हिसाब-किताब

नगर निगम के लिए यह विडंबना है कि निगम क्षेत्र में बनीं दुकानों का किराया उसके हाथ नहीं लग रहा है. इस बात का खुलासा निगम के एक कनीय अभियंता ने बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में किया है. उन्होंने बताया है कि केदारनाथ मार्केट की 48 दुकानों का किराया निगम को नहीं मिल […]

नगर निगम के लिए यह विडंबना है कि निगम क्षेत्र में बनीं दुकानों का किराया उसके हाथ नहीं लग रहा है. इस बात का खुलासा निगम के एक कनीय अभियंता ने बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में किया है. उन्होंने बताया है कि केदारनाथ मार्केट की 48 दुकानों का किराया निगम को नहीं मिल रहा है. लगे हाथ उन्होंने नगर आयुक्त को यह भी साफ कर दिया कि यहां का किराया ठेकेदार ही वसूलते हैं.
गया: नगर निगम की बुधवार को स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में केदारनाथ मार्केट में निगम की 48 दुकानों का किराया नहीं मिलने की बात सामने आयी. निगम के कनीय अभियंता दिनकर प्रसाद ने बताया कि निगम की 48 दुकानों का किराया निगम के हाथ नहीं लगता है, जबकि निगम के ही ठेकेदार प्रतिदुकान हरमाह 300 रुपये की वसूली करते हैं. श्री प्रसाद ने कहा कि इन दुकानों पर दबंगों का कब्जा रहा है. मार्केट की बंदोबस्ती के साथ ही अब तक इसका किराया ठेकेदार द्वारा वसूला जाता रहा है. इस पर वार्ड पार्षद लालजी प्रसाद ने कहा कि केदारनाथ मार्केट में 48 दुकानें नहीं, बल्कि छोटी-बड़ी 90 दुकानें हैं. इससे निगम को राजस्व की भारी क्षति हो रही है. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि सभी दुकानों का असेसमेंट करा कर किराये का निर्धारण किया जाये.
चर्चा के केंद्र में पानी : निगम के पितामहेश्वर बोरिंग से पाइप द्वारा राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, रमना व कन्या मध्य विद्यालय, पितामहेश्वर में पानी पहुंचाने का फैसला लिया गया. बैठक के दौरान सदस्यों ने शहर में बनी निगम की दुकानों की नीलामी करने, निगम के राजस्व में वृद्धि करने, पूर्व की बैठकों में किये गये निर्णय के कार्यान्वयन की समीक्षा की गयी. बैठक में मौजूद वार्ड पार्षद अफसाना खानम ने बताया कि पितामहेश्वर इलाके में पानी की किल्लत है. नगर आयुक्त ने कहा कि जल्द ही पानी की किल्लत दूर कर ली जायेगी. शहर में ऑटो स्टैंड के सीमांकन का भी प्रस्ताव लाया गया. सदस्यों ने समर्थन किया. वहीं, पूर्व मेयर आशा देवी ने कहा कि बैठक में निर्णय के अनुसार पानी सप्लाइ के लिए पाइप नहीं बिछाया गया है. बिछाना था किसी वार्ड में, बिछाया गया किसी और वार्ड में. इसके साथ ही सदस्यों ने कहा कि निगम की दुकानों का जल्द से जल्द आवंटन कर दिया जाये. आवंटन में आरक्षण का ख्याल रखने की बात की गयी. बैठक में पार्षद इंदु देवी, अफसाना खानम, भीम यादव, अनीता देवी, स्वास्थ प्रभारी शैलेंद्र सिंह, जल पर्षद के कार्यपालक अभियंता राकेश कुमार, लेखा पदाधिकारी गौतम कुमार, राजस्व पदाधिकारी विजय कुमार, निगम शिक्षा प्रभारी सुरेंद्र कुमार व अन्य उपस्थित रहे.
सिकरिया मोड़ बस स्टैंड के पास खुलेगी शराब की दुकान
शहर में निगम की 10 दुकानों में सरकारी शराब की दुकानें खोली जायेंगी. नगर आयुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा श्मशान घाट व निगम स्टोर में एक-एक व सिकरिया मोड़ बस स्टैंड में आठ दुकानें मांगी गयी हैं. इसके लिए निगम को प्रशासन द्वारा किराया भी दिया जायेगा. बस स्टैंड में शराब दुकान खोलने का विरोध करते हुए वार्ड पार्षद आशा देवी ने कहा कि किसी सार्वजनिक स्थल पर शराब दुकान खोलना ठीक नहीं है. बस स्टैंड के बगल में ही डंकल विद्यालय है. इसका बच्चों पर भी असर पड़ेगा.
सेल्फ असेसमेंट की होगी जांच
शहर में कर निर्धारण के लिए निगम द्वारा लोगों को सेल्फ असेसमेंट कर देने का आदेश जारी किया गया था. लोगों ने इसका पालन करते हुए सेल्फ असेसमेंट कर अपने मकान का कर निर्धारण भी कराया. नगर आयुक्त ने बताया कि व्यावसायिक इस्तेमाल में आनेवाली जगह का भी कई लोगों द्वारा आवासीय इस्तेमाल के अनुरूप टैक्स का निर्धारण कराया गया है. कई जगह आवसीय परिसर के नाम पर मैरेज हॉल, नर्सिंग होम व कोचिंग खोले गये हैं. उन्होंने बताया कि बड़े होटलों की भी जांच की जायेगी. इसके लिए निगम द्वारा कमेटी गठित कर दी गयी है. प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी.
कनीय अभियंता दिनकर प्रसाद के अनुसार
केदारनाथ मार्केट में 48 दुकानें हैं. इन दुकानों को हर माह 300 रुपये किराया देना होता है. इनके किरायेदार निगम के ही ठेकेदार को किराया देते आ रहे हैं, जिसका निगम के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है. अगर, इसे अंकगणित की भाषा में मोटामोटी समझें, तो 48 दुकानों से 300 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से महीने के 14,400 रुपये आते. यानी, साल के 1,72, 800 रुपये. अगर, मासिक हिसाब-किताब देखा जाये, तो 14,400 से दैनिक तौर पर काम करनेवाले कम से कम दो मजदूरों को हर माह पारिश्रमिक मिल जाता और अगर सालाना हिसाब समझें, तो 1,72, 800 रुपये में कम से कम 26 मजदूरों को तनख्वाह मिल जाते. (6500 के हिसाब से).
वार्ड पार्षद लालजी प्रसाद के अनुसार
वार्ड पार्षद लालजी प्रसाद ने कहा कि केदारनाथ मार्केट में 48 दुकानें नहीं, बल्कि छोटी-बड़ी 90 दुकानें हैं. अगर, उनके अनुसार हिसाब लगायें, तो 90 दुकानों से हर माह 300 के हिसाब से 27000 रुपये आयेंगे, जबकि साल के 3,24,000 रुपये. अगर, मासिक हिसाब-किताब देखा जाये, तो 27000 रुपये से दैनिक तौर पर काम करनेवाले कम से कम चार मजदूरों को हर माह पारिश्रमिक मिल जाता और अगर सालाना हिसाब समझें, तो 3,24,000 रुपये में कम से कम 49 मजदूरों को तनख्वाह मिल जाते. (6500 के हिसाब से).

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