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विजिलेंस का दरवाजा खटखटायेंगे कर्मचारी
बोधगया : मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के परीक्षा नियंत्रक डॉ इसराइल खां व शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के सदस्यों के बीच उभरा विवाद शांत होने के बजाय गरमाता जा रहा है. एमयू प्रशासन द्वारा डॉ खां को परीक्षा नियंत्रक के पद से नहीं हटाये जाने को लेकर शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के सदस्यों ने सोमवार को एमयू परिसर […]
बोधगया : मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के परीक्षा नियंत्रक डॉ इसराइल खां व शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के सदस्यों के बीच उभरा विवाद शांत होने के बजाय गरमाता जा रहा है. एमयू प्रशासन द्वारा डॉ खां को परीक्षा नियंत्रक के पद से नहीं हटाये जाने को लेकर शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के सदस्यों ने सोमवार को एमयू परिसर स्थित यूनियन कार्यालय में बैठक की और एमयू में हो रही वित्तीय अनियमितता के मामले की शिकायत विजिलेंस से करने का निर्णय लिया. इस बैठक में एमयू शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमितेष प्रकाश, रामरूप राम, सचिव पारसनाथ उपाध्याय, कोषाध्यक्ष विकास वर्णवाल, सदस्य रामकुमार राम, अमिरक यादव सहित अन्य मौजूद थे.
गौरतलब है कि विगत शुक्रवार को एमयू के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सभागार में संबंद्धन समिति की बैठक के दौरान मीटिंग हॉल में मौजूद संबंद्धन शाखा के कर्मचारियों को बाहर निकल जाने का फरमान परीक्षा नियंत्रक डॉ इसराइल खां ने दिया था. इससे कर्मचारियों की भावना पर ठेस पहुंची और उन्होंने कुलपति, रजिस्ट्रार सहित अन्य अधिकारियों के सामने विरोध जताया और डॉ इसराइल खां को परीक्षा नियंत्रक के पद से हटाने की मांग की थी.
लेकिन, एमयू प्रशासन की ओर से परीक्षा नियंत्रक के पद से डॉ इसराइल खां को हटाने की कोई पहल नहीं की गयी, तो मगध विश्वविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के सदस्यों ने एमयू प्रशासन के विरुद्ध मोरचा खोल दिया और सोमवार को गेट मीटिंग कर आगे की रणनीति तय करने का निर्णय लिया था. इसी के आलोक में सोमवार को संघ ने अपने कार्यालय में बैठक की और उपरोक्त निर्णय लिये.
11 लाख की वित्तीय अनियमितता का आरोप
एमयू शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमितेष प्रकाश ने बताया कि एमयू में बिना टेंडर के करोड़ों रुपये का कामकाज किया जा रहा है. वित्तीय सलाहकार के निर्देशों को नजरअंदाज कर कामकाज करनेवाले ठेकेदार को डायरेक्ट पेमेंट किया जा रहा है. उन्होंने एक अनियमितता का उदाहरण देते हुए कहा कि नैक टीम के आगमन के दौरान प्रशासनिक भवन व स्टूडेंट्स इन्फॉरमेशन सेंटर में 11,13 430 रुपये से टेबुल, कुरसी, डायनिंग टेबुल व आलमारी सहित अन्य सामान की खरीदारी की गयी. इस बाबत मेसर्स नेशनल एजेंसी (गया) ने आठ सितंबर को 1,71,884 रुपये व 2,78,128 रुपये, तीन अक्तूबर को 45,204 रुपये व 10 सितंबर को 6,18,214 रुपये का बिल एमयू को सौंपा था. इस बिल पर वित्तीय सलाहकार ने आपत्ति जताते हुए फाइल पर लिखा कि उक्त सामान की खरीदारी में संबंधित नियमों का पालन नहीं किया गया है. अपनी आपत्ति जता कर वित्तीय सलाहकार ने संबंधित फाइल लौटा दी थी. लेकिन, उनकी बातों को नजरअंदाज कर एजेंसी को 11, 13,430 रुपये का भुगतान कर दिया गया. यह वित्तीय अनियमितता का मामला है, जबकि किसी भी सामान की खरीद व भुगतान को लेकर नियम बनाये गये हैं. निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए नियम व कानून को ताक पर रख सामान की खरीदारी की गयी व भुगतान किया गया.
लिफ्ट लगाने में भी बिना टेंडर किया गया भुगतान
एमयू शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमितेष प्रकाश ने बताया कि बिना टेंडर कराये एमयू में और कई कामकाज कराये गये हैं. हाल के महीनों में एमयू में लिफ्ट लगाया गया. लेकिन, लिफ्ट लगाने में भी टेंडर नहीं निकाला गया. नियमों की धज्जियां उड़ा कर लिफ्ट लगायी गयीं और लाखों रुपयों इधर-उधर किये गये. उन्होंने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत भी एमयू प्रशासन से कुछ ऐसी सूचनाएं एकत्रित की गयी हैं, जिससे वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है. एक-एक कर सभी दस्तावेजों का जुगाड़ किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वित्तीय अनियमितता से संबंधित करीब 30 मामलों के उजागर होने की उम्मीद है. इन सभी मामलों से जुड़े दस्तावेजों के साथ विजिलेंस को शिकायत की जायेगी और जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जायेगी.
हर शिक्षक को मिले जरूरी कामकाज संभालने का मौका
एमयू शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमितेष प्रकाश ने कहा कि परीक्षा नियंत्रक डॉ इसराइल खां एमयू में डीन (संकायाध्यक्ष, शिक्षा संकाय), निदेशक (शिक्षा विभाग), निदेशक (दूरस्थ शिक्षा निदेशालय), निदेशक (मल्टी मीडिया सेंटर) व निदेशक (प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र) के पद पर पाेस्टेड हैं. एक ही व्यक्ति के जिम्मे इतने सारे विभागों का कामकाज है, जबकि एमयू में ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर कामकाज करनेवाले कई अनुभवी शिक्षक पोस्टेड हैं. उनको नजरअंदाज कर डॉ इसराइल खां को कई महत्वपूर्ण पदों पर बैठा दिया गया है. लंबे समय से डॉ खां घूम-फिर कर उन्हीं विभागों के प्रमुख पद पर बैठे हैं. इससे मोनोपोली की स्थिति कायम हो गयी है. इसे दूर करने की आवश्यकता है और एमयू के हर शिक्षक को महत्वपूर्ण कामकाज संभालने का जिम्मा देने की जरूरत है.
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