इन बच्चियों के सपने भी आम बच्चों की तरह ही हैं, पर उनके इलाके में नक्सली गतिविधि के कारण ये अपने आप को अलग-थलग महसूस करती हैं. यह भी सच है कि इनके घरों से या आस-पड़ोस का कोई न कोई युवक नक्सली गतिविधि में भी शामिल है. इन्हें पुलिस का डर है व हर वक्त पुलिस से दो-दो हाथ करने को भी तैयार रहना पड़ता है. जानें भी चली जाती हैं.
गया पुलिस ने ऑपरेशन ‘विश्वास’ के तहत अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ते कदम को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को नक्सलग्रस्त क्षेत्र बाराचट्टी व डुमरिया की छात्राओं को बोधगया में आयोजित शांति मार्च में शामिल कराया व उन्हें प्रेरित करते हुए भवनात्मक रूप से भी शांति दूत बनाने का प्रयास किया. बच्चों ने भी काफी उत्साह के साथ इसमें भाग लिया और बुद्ध के समक्ष बोधिवृक्ष के नीचे शांति के लिए प्रार्थना की.