गया: उफ! यह कैसी गरमी है. लगता है बेमौत मारे जायेंगे. अब तो बदन ही जल जायेगा. गया का अधिकतम तापमान पिछले एक सप्ताह से ज्यादा दिनों से 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर ही रह रहा है. बुधवार को अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.
दिन में चिलचिलाती धूप, लहर से सड़कों पर निकलना मुश्किल हो रहा है. किसी विशेष काम या परिस्थितिवश निकलने की स्थिति में लोगों का रूह कांप उठता है. लू से मुंह व शरीर झुलस रहा है. शाम सात बजे के बाद थोड़ी राहत मिलती है.
तब फिर रात में बिजली सताती है. इन दिनों गया में बिजली का फ्लैएशन (उतार-चढ़ाव) कुछ ज्यादा ही है. बिजली रहती ही नहीं है. थोड़ी-बहुत आयी भी तो कम वोल्टेज के साथ उतार-चढ़ाव के कारण घर के कमरे में रहना दुश्वार हो रहा है. घर के छतों पर सोने को लोग विवश हैं.
दिन में गरमी से बेचैनी के कारण नींद नहीं आती और रात में बिजली की कमी के कारण नींद हराम रहती है. ऐसे में नींद भी सही से नहीं आ रही है. चिलचिलाती धूप व लू के कारण काम से बाजार निकले लोग या इंस्टीच्यूट में पढ़ने जा रहे छात्र-छात्रएं मुंह समेत पूरे शरीर को ढंककर माथे पर तौलिया रख या छतरी लगा कर सड़कों पर निकल रहे हैं. गरमी की वजह से आमरस, ठंडा की बोतलें, आइसक्रीम की बिक्री काफी बढ़ गयी है.