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जुलाई से अपने भवन में चलेगी सीयूएसबी !

गया: दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) अगले साल जुलाई महीने में पंचानपुर दरियापुर स्थित अपने भवन में शिफ्ट हाे जायेगा. पंचानपुर कैंपस में पहले चरण के भवन का निर्माण पूरा हाे जायेगा. ये बातें पटना स्थित हाेटल चाणक्य में सीयूएसबी की काेर्ट मीटिंग में बुधवार काे सीयूएसबी के कुलपति प्राेफेसर हरीशचंद्र सिंह राठाैर ने कहीं. […]

गया: दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) अगले साल जुलाई महीने में पंचानपुर दरियापुर स्थित अपने भवन में शिफ्ट हाे जायेगा. पंचानपुर कैंपस में पहले चरण के भवन का निर्माण पूरा हाे जायेगा. ये बातें पटना स्थित हाेटल चाणक्य में सीयूएसबी की काेर्ट मीटिंग में बुधवार काे सीयूएसबी के कुलपति प्राेफेसर हरीशचंद्र सिंह राठाैर ने कहीं. बैठक की अध्यक्षता लाेकसभा के पूर्व स्पीकर व कुलाधिपति मीरा कुमार ने की.
बैठक में सीयूएसबी के कुलपति ने स्वागत भाषण में यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक व प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए उठाये गये कदमाें का जिक्र किया. उन्हाेंने यूनिवर्सिटी के एक साल का लेखा-जाेखा भी प्रस्तुत किया. कुलपति ने कहा कि अस्थायी कैंपस व भाड़े की बिल्डिंग हाेने के बाद भी यह गर्व की बात है कि सीयूएसबी के प्राध्यापकाें काे शाेध करने के लिए करीब एक कराेड़ का अनुदान मिला है. इस दौरान यहां से डिग्री हासिल करनेवाले विद्यार्थियाें काे प्लेसमेंट के जरिये राेजगार भी प्राप्त हुआ है. उन्हाेंने सदस्याें काे पंचानपुर में चल रहे सीयूएसबी के भवन निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराया. साथ ही, जुलाई 2016 में पंचानपुर कैंपस में यूनिवर्सिटी के शिफ्ट होने के संकल्प काे भी दाेहराया.
श्री राठौर ने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा 31 अगस्त, 2015 काे सात भवनाें की आधारशिला रखी गयी थी. इसके बाद कामकाज में तेजी आयी. काम समय पर पूरा हाेने की पूरी संभावना है. बैठक में उपस्थित सदस्याें ने नवंबर, 2014 में हुई बैठक के बाद यूनिवर्सिटी द्वारा उठाये गये कदमाें की सराहना की और यूनिवर्सिटी की बेहतरी के लिए बहुमूल्य सुझाव भी दिये. कुछ सदस्यों ने कहा कि भवन निर्माण पर अधिक ध्यान देना चाहिए. कई सदस्याें ने कुछ अच्छे प्राध्यापकाें की बहाली पर जाेर दिया.
कुछ सदस्याें ने अंतर धर्म, विश्वास, एग्रीकल्चर मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर प्राेसेसिंग आदि काेर्स शुरू करने के सुझाव भी दिये. सदस्यों के सुझाव काे कुलपति व कुलाधिपति ने संभावनाआें काे देखते हुए लागू करने का आश्वासन दिया. काेर्ट ने यूनिवर्सिटी द्वारा इस वर्ष से शुरू किये गये बैचलर इन वाेकेशन (बीवाेक) आर्टस एंड क्रॉफ्ट की भी सराहना की. इस माैके पर बीवाेक के छात्राें ने अपनी कला, शिल्प, पेंटिंग, हस्तकारी आदि की प्रदर्शनी भी लगायी. सदस्याें ने सर्वसम्मति से 2014-15 की वार्षिक रिपाेर्ट व वार्षिक लेखा रिपाेर्ट काे अनुमाेदित किया.
इस माैके पर कुलसचिव डॉ सीएल प्रभावती, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्राेफेसर वाइसी सिम्हाद्री, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्राेफेसर ए लक्ष्मीनाथ, एइन सिन्हा इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक प्राेफसर डीएम दीवाकर, गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा, एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक प्राेफेसर पीपी घाेष, पटना यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्राेफेसर अजय कुमार सिंह, काेल्हान यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रति-कुलपति प्राेफेसर शुक्ला माेहंती, पटना वीमेंस कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ सिस्टर डाेरिस डिसूजा, मगध विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्राेफेसर ललन प्रसाद सिंह, हैदराबाद यूनिवर्सिटी के प्राेफेसर जंघाला प्रभाकर राव, बीएचयू के प्राेफेसर टीएस महापात्रा व प्राेफेसर आरपी शास्त्री, पूर्व राज्यसभा सांसद ब्रह्मदेव आनंद पासवान व हरकारा वेणुगाेपाल राव आदि भी माैजूद थे. अंत में कुलपति ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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