गया: अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय गेवालबिगहा का अपनी भवन व शौचालय होने के बावजूद यहां के बच्चे खुले में शौचालय जाने को मजबूर हैं. स्कूल का घेराबंदी नहीं होने के कारण आसपास के लोग स्कूल के पिछवाड़े में शौच करते हैं. इस कारण कमरों की खिड़कियां नहीं खुल पाती हैं.
जानकारी के अनुसार, स्कूल में 2009 में शौचालय का निर्माण कराया गया है. लेकिन, पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्र-छात्राएं शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. शौचालय में ताला लगा रहता है. विद्यालय का नया भवन भी अधूरा पड़ा है. विभागीय लापरवाही के कारण पैसा मिलने के बाद भी भवन का कार्य पूरा नहीं हो पाया है. स्कूल की जमीन पर आसपास के कुछ लोगों ने कब्जा कर खटाल चला रहे हैं. लोग स्कूल की जमीन का उपयोग शौच करने के लिए भी कर रहे हैं. स्कूल प्रबंधन ने प्रशासन से जमीन को मुक्त कराने की मांग की है.
इस संबंध में प्राचार्य प्रमोद कुमार ने बताया कि 2007-08 में चार लाख 50 हजार रुपये में स्कूल के भवन का निर्माण कराया जा रहा था, जो पैसों के अभाव में पूरा नहीं हो सका. बाद में परियोजना द्वारा दो लाख 13 हजार रुपये भवन का कार्य पूरा कराने के लिए दिये गये, जो अपर्याप्त है. इस कारण कोई भी विद्यालय प्रभारी स्कूल भवन के निर्माण में हाथ नहीं लगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पानी के अभाव में शौचालय शुरू नहीं हो सका है. इसीलिए शौचालय में ताला लगा रहता है, ताकि बाहरी लोग यहां गंदगी न फैला दें. पहाड़ी इलाका होने के कारण स्कूल में चापाकल लगाना मुश्किल काम है. शिक्षा विभाग को पेयजल की व्यवस्था करने के लिए कई बार लिखा गया, परंतु अब तक कोई पहल नहीं की गयी है.