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अनुशासन के साथ दी जा सकती है बेहतर शक्षिा : सिंह

अनुशासन के साथ दी जा सकती है बेहतर शिक्षा : सिंह फोटो – सिटी एक, – इंडक्शन मीट में शामिल शिक्षक.फोटो – दो, तीन, चार, पांच व छह : विद्यार्थियों के फोटो नाम सेएएम कॉलेज में बिलिब्स के छात्र-छात्राआें का इंडक्शन मीटसंवाददाता, गयाअनुशासन के साथ ही सही शैक्षणिक माहौल बना कर स्टूडेंट्स को शिक्षा दी […]

अनुशासन के साथ दी जा सकती है बेहतर शिक्षा : सिंह फोटो – सिटी एक, – इंडक्शन मीट में शामिल शिक्षक.फोटो – दो, तीन, चार, पांच व छह : विद्यार्थियों के फोटो नाम सेएएम कॉलेज में बिलिब्स के छात्र-छात्राआें का इंडक्शन मीटसंवाददाता, गयाअनुशासन के साथ ही सही शैक्षणिक माहौल बना कर स्टूडेंट्स को शिक्षा दी जा सकती है. बिलिब्स (बैचलर इन लाइब्रेरी साइंस) की पढ़ाई के लिए पहले छात्र-छात्राएं मगध विश्वविद्यालय या बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) पर निर्भर रहते थे, लेकिन आज कई कॉलेजों में इसकी पढ़ाई शुरू होने से विद्यार्थियों को इस कोर्स को करने में सहूलियत हुई है. ये बातें एएम कॉलेज के बिलिब्स विभाग में आयोजित इंडक्शन मीट में प्रभारी प्राचार्य डॉ साकेत बिहारी सिंह ने कहीं. इंडक्शन मीट में एएम कॉलेज में बिलिब्स के को-ऑर्डिनेटर डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालस से एक वर्षीय बिलिब्स कोर्स की अनुमति एक साल के लिए दी गयी. इस कोर्स के तहत विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने के लिए बेहतर शिक्षकों की व्यवस्था की गयी है. विद्यार्थी व शिक्षक दोनों दृढ़संकल्प कर लें, तो कम संसाधनों में भी बेहतर कर सकते हैं. कार्यक्रम में बीएड के डायरेक्टर डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह ने कहा कि किसी भी संस्थान में शैक्षणिक माहौल बनाये रखने के लिए विद्यार्थी व शिक्षक के बीच तालमेल होना जरूरी है. विद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य का सपना लेकर स्कूल कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. अपने लक्ष्य को हासिल करने में जितना विद्यार्थियों को मेहनत करनी होती है, उससे कहीं अधिक मेहनत शिक्षकों को करनी पड़ती है. इस मौके पर डॉ उदय कुमार सिंह, डॉ अब्दुला खान, डॉ नंदकुमार सिंह, डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह व डॉ अजय कुमार आदि भी उपस्थित थे.बिलिब्स में 800 अंकों का होगी पढ़ाईएक वर्षीय बिलिब्स कोर्स में विद्यार्थियों को आठ पेपरों का अध्ययन करना पड़ेगा. इसमें छह सौ अंक थ्योरी व दो सौ अंक प्रैक्टिकल (कुल 800 अंक) के होंगे. कॉलेज में बिलिब्स की 60 सीटें निर्धारित हैं. सभी सीटों पर विद्यार्थियों ने नामांकन ले लिया है. इसके लिए कॉलेज द्वारा तत्काल में छह फैकेल्टि मेंबर व दो गेस्ट फैकेल्टि शिक्षक की व्यवस्था की गयी है.बेहतर प्लेसमेंट की है संभावना इस वोकेशनल कोर्स करने के बाद बेहतर प्लेसमेंट की संभावना दिखती है. आज हर क्षेत्र में वोकेशनल कोर्स को प्राथमिकता दी जाती है. इस कारण मैंने इस कोर्स को चुना है. विकास कुमार शुरू से ही बिलिब्स कोर्स के प्रति रुचि थी. दो वर्षों से नामांकन के लिए आवेदन दे रहा था. इस बार सफलता मिली है. इस कोर्स में बेहतर भविष्य हैं. कोर्स करने के बाद आगे का बेहतर रास्ता खुलता है. नरेंद्र कुमारइस कोर्स में अन्य कोर्सों की अपेक्षा भविष्य बेहतर दिखता है. मन लगा कर कोर्स पूरा करने के बाद रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे. इस कारण इस कोर्स को करने के लिए आवेदक स्टूडेंट्स की अधिक भीड़ दिखती है. सिम्मी कुमारीइस कोर्स को करने के बाद जॉब की संभावना बहुत हद साफ हो जाती है. इस कोर्स के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त कर स्टूडेंट्स शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कैरियर बनाया जा सकते हैं. इस लिए मैंने भी यह कोर्स चुना. प्रियंका कुमारी लगन व मेहनत के बदौलत हम किसी भी क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं. बिलिब्स कोर्स की मांग सरकारी व गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में अधिक है. इस कोर्स के बाद रोजगार का मार्ग प्रशस्त हो जाता है. लवली कुमारी

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