गया: प्रभावती अस्पताल में प्रसव के बाद नवजात की मौत हो गयी. कोंच प्रखंड के तूतूरखी गांव निवासी प्रसूता निक्की राज के पति रंजन शर्मा ने प्रसव में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज करायी है. अस्पताल अधीक्षक डॉ एसके अमन ने भी लापरवाही बरते जाने की पुष्टि की है. उन्होंने ड्यूटी से अनुपस्थित डॉ शकुंतला नाग के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी. उन्होंने ए-ग्रेड नर्स शोभा कुमारी सिन्हा व सुषमा कुमारी से भी जवाब तलब किया है. दूसरी ओर अस्पतालकर्मियों ने श्री शर्मा व उनके परिजनों पर अनावश्यक हंगामा व मारपीट करने का आरोप लगाया है.
अस्पतालकर्मियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्री शर्मा गुरुवार की रात करीब नौ बजे अपनी पत्नी निक्की राज को प्रसव के लिए अस्पताल में लेकर आये. ड्यूटी पर तैनात डॉ शकुंतला नाग ने 9:05 बजे उसे अस्पताल में भरती कर लिया. देखने के बाद उन्होंने नॉर्मल डिलिवरी होने का संकेत दिया व घर चली गयीं. शुक्रवार की सुबह 7:40 बजे निक्की ने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन, कुछ ही समय बाद बच्चे की मौत हो गयी. इससे आक्रोशित श्री शर्मा व उनके अन्य परिजनों ने अस्पताल में जम कर हंगामा किया. ड्यूटी पर तैनात ए-ग्रेड नर्स व ममता के साथ मारपीट भी की. इससे अस्पताल में अफरातफरी मच गयी. इधर श्री शर्मा ने बताया कि अस्पताल में भरती कराने से लेकर प्रसव के बीच करीब 10 घंटे तक उसकी पत्नी प्रसव वेदना से तड़पती रही. लेकिन, डॉक्टर एक बार भी देखने नहीं आयीं.
समय रहते ऑपरेशन से प्रसव करा दिया जाता, तो जच्च-बच्च दोनों सुरक्षित रह जाते. इस बाबत उन्होंने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है. अस्पताल अधीक्षक डॉ एसके अमन ने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रसव में लापरवाही बरतने की पुष्टि हुई है. मरीज को रात में न तो डॉक्टर द्वारा देखा गया और न ही कोई सलाह दी गयी. शायद ड्यूटी पर डॉक्टर तैनात होतीं, तो नवजात की मौत नहीं होती. उन्होंने बताया कि रोस्टर ड्यूटी के अनुसार रात में डॉ शकुंतला नाग की ड्यूटी थी.
इस कारण तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए उनके वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गयी है. स्पष्टीकरण भी पूछा गया है कि क्यों न उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाये.