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कांग्रेस के लिए वादा चुनावी जुमला नहीं
सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना गया : हमारे लिए वादा करना चुनावी जुमला नहीं है. हम जो वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं. यही कांग्रेस व भाजपा में फर्क है. विकास हमारे लिए िसर्फ एक नारा नहीं है. कांग्रेस 60 वर्षों की कठिन तपस्या की एक पार्टी है. एक पार्टी, जिसने […]
सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
गया : हमारे लिए वादा करना चुनावी जुमला नहीं है. हम जो वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं. यही कांग्रेस व भाजपा में फर्क है. विकास हमारे लिए िसर्फ एक नारा नहीं है. कांग्रेस 60 वर्षों की कठिन तपस्या की एक पार्टी है.
एक पार्टी, जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी, कुरबानियां दीं. आजादी हासिल की और आधुनिक भारत का िनर्माण किया. वे जितने भी प्रयास कर लें, जितने झूठ बोल लें, कांग्रेस की कुरबानियों व योगदान को इतिहास कभी मिटा नहीं सकता. उक्त बातें कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनियागांधी ने कहीं. वह शनिवार को वजीरगंज के सिंचाई विभाग के मैदान में चुनावी सभा को संबोधित कर रही थीं.
समाज को बांटने की हो रही कोशिश : उन्होंने कहा कि यह िसर्फ बिहार का चुनाव नहीं है, बल्कि मोदी सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ वोट है. यह अब लोगों की िजम्मेवारी है कि गरीब विरोधी, वादा खिलाफी व समाज को बांटनेवाली भाजपा व उनके सहयोगियों के खिलाफ वोट करें. श्रीमती गांधी ने कहा कि मगध की धरती महात्मा बुद्ध व भगवान विष्णु की शांति व अहिंसा की धरती है. यहां मेहनत करनेवाले व मजबूत इरादे वाले लोग पहाड़ के सीने को भी चीरने का हौसला रखते हैं.
ऐसी महान धरती को नमन है. उन्होंने कहा कि उन्हें यह देख कर तकलीफ हो रही है कि अहिंसा की पवित्र धरती पर चुनाव से पहले समाज को बांटनेवाली ताकतें, तनाव पैदा करने की कोशिश में लगी है. ऐसे लोगों का राष्ट्रहित में डट कर मुकाबला करना है. प्रधानममंत्री मोदी बात तो सामाजिक विकास की करते हैं, लेकिन अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को वह सब कुछ बोलने की छूट दे रहे हैं. इससे लोगों की भावना को ठेस पहुंचती है. समाज व राष्ट्र का नुकसान होता है.
मोदी मन की बात में तो ऊंची-ऊंची बातें करते हैं. इस तरह से खतरनाक बयानों पर आलोचना करना उचित नहीं है. झूठे वादे पर बनी मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार मिटाने, कालाधन को वापस लाकर आपके खाते में पांच-पांच हजार भेजने, किसानों को 50 प्रतिशत मुनाफा देने, युवाओं को रोजगार देने के वायदे किये थे. मिला क्या? महंगाई की मार से देश का हर एक आदमी दबा जा रहा है. पेट्रोलियम पदार्थ व दाल के भाव आसमान छू रहे हैं.
मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की िजम्मेवारी मोदी सरकार की है. लेकिन, वह निजी क्षेत्र के कारोबारियों को यह िजम्मेवारी सौंप रहे हैं. रेल जैसा महत्वपूर्ण विभाग, जिसके सहारे करोड़ों घरों में चूल्हा जलता है, को निजीकरणकरने की कोशिश जारी है. नरेंद्र मोदी ऐसा कानून लाना चाहते हैं, जिससे कामगारों का शोषण करने की खुली छूट मिले.
जीवनरक्षक दवाइयां महंगी हो रही हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान जब मोदी यहां आये तो स्वास्थ्य में सुधार की बात की थी. मगध में इनसेफ्लाइटिस गंभीर समस्या है. इससे अब तक निबटा नहीं गया. यहां के बुनकरों की समस्या नहीं सुधरी. उन्होंने कहा किसी भी प्रधानमंत्री ने अब तक विदेश की धरती पर अपने राजनीतिक विरोधियों पर कभी कीचड़ नहीं उछाला. लेकिन, मोदी ने ऐसा कर प्रधानमंत्री पद की गरिमा को धूमिल किया. यह उनकी संकीर्ण मानसिकता व िनम्न राजनीतिक स्तर का परिचय है.
इस मौके पर उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सीपी जोशी, बिहार मामलों के प्रभारी केएल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, कैप्टन अजय यादव मौजूद थे. सोनिया गांधी ने वजीरगंज के प्रत्याशी अवधेश कुमार सिंह, गया शहर के प्रत्याशी प्रियरंजन, बोधगया के प्रत्याशी कुमार सर्वजीत सहित महागंठबंधन के प्रत्याशियों को जीत दिलाने की अपील की.
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