गया: जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) कार्यालय से ट्रांसफर किये गये सभी आठ लिपिकों को डीइओ राजीव रंजन प्रसाद ने गत 30 सितंबर को ही विरमित कर दिया है. बावजूद अपने सहकर्मियों को प्रभार सौंपने की बजाय प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से वे अब तक कार्यालय में कार्यरत हैं. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ये स्थानांतरित लिपिक शिक्षा अधिकारियों पर भारी पड़ रहे हैं.
इसका प्रमाण 15 अक्तूबर को जारी शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) का वह पत्र है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रभार से संबंधित रिपोर्ट अब तक कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है.
ज्ञातव्य है कि मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक (आरडीडीइ) ने ज्ञापांक 609, दिनांक 28 जून 2013 के माध्यम से प्रमंडल के विभिन्न शिक्षा कार्यालयों में कार्यरत 16 लिपिकों का ट्रांसफर ऑर्डर जारी किया था. इसमें डीइओ ऑफिस, गया के नौ लिपिक शामिल थे. लिपिकों को एक पक्ष (15 दिनों) के अंदर स्थानांतरित कार्यालय में योगदान करने का निर्देश था. संबंधित अधिकारियों को कार्य विरमित कर योगदान कराना सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया था. लेकिन, उसका असर न तो लिपिकों पर पड़ा और न ही अधिकारियों पर. बाध्य होकर आरडीडीइ ने पुन: 27 सितंबर को आदेश जारी कर लिपिकों को स्वत: विरमित होने का सख्त निर्देश दिया. फलस्वरूप, डीइओ ने 30 सितंबर को ज्ञापांक 2095 के माध्यम से सभी आठ लिपिकों को विरमित कर दिया. लेकिन, अब तक उन्होंने प्रभार नहीं सौंपा है. इससे शिक्षकों में भी असंतोष व्याप्त है. गया जिला अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गोपाल प्रसाद यादव ने कहा है कि स्थानांतरित लिपिक प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अब तक कार्यालय में कार्यरत हैं.
इसका प्रतिकूल असर नवप्रोन्नत शिक्षकों के पदस्थापना पर पड़ेगा. इधर, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) एस हांसदा ने सहायक सुनील कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार, उमाकांत विद्यार्थी, अभय कुमार, राजीव कुमार, मो अशरफ जमाल, जयराम चौधरी व जिला शिक्षा पदाधिकारी को 15अक्तूबर को प्रेषित पत्र में कहा है कि उन्हें अब तक प्रभार रिपोर्ट नहीं दी गयी है. अविलंब प्रभार रिपोर्ट देना सुनिश्चित करें.