लेकिन, काम पूंजीपतियों के हित में करते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लागू नहीं होने दिया जायेगा. उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से समग्र भूमि सुधार लागू करने की मांग की. अन्य मांगों में दलित व गरीब परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने, बियाडा की खाली जमीन किसानों को वापस करने, सड़क के लिए किसानों की ली जा रही जमीन का बाजार मूल्य के अनुसार मुआवजा देने, किसानों को धान क्रय का बकाया अविलंब भुगतान करने, गेहूं क्रय केंद्र खोलने, मक्का आदि फसलों का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने, बटाईदार किसानों का पंजीकरण, महंगाई पर रोक लगाने, बंद पड़े तमाम नलकूपों को चालू करने, नहरों में पानी का प्रबंध करने व ठेका-मानदेय पर नियुक्त कर्मचारियों की सेवा स्थायी करने की मांगें शामिल हैं.
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भूमि अधिग्रहण बिल वापस लेने के लिए किया प्रदर्शन
गया: भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापस लेने व समग्र भूमि सुधार लागू करने की मांग को भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बोधगया अंचल कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. इससे पहले कालचक्र मैदान से जुलूस निकाला गया, जिसका नेतृत्व पार्टी के जिला सचिव निरंजन कुमार, आनंद कुमार व नवल किशोर यादव, चरित्र चौधरी व कारू […]
गया: भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापस लेने व समग्र भूमि सुधार लागू करने की मांग को भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बोधगया अंचल कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. इससे पहले कालचक्र मैदान से जुलूस निकाला गया, जिसका नेतृत्व पार्टी के जिला सचिव निरंजन कुमार, आनंद कुमार व नवल किशोर यादव, चरित्र चौधरी व कारू पासवान आदि ने संयुक्त रूप से किया. अंत में 14 सूत्री मांग पत्र बोधगया के प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारी को सौंपा.
इस मौके पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश देशी-विदेशी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लाया गया है. इसका देश भर में विरोध हो रहा है. बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे लागू करने की जिद पर अड़े हैं. इससे साफ हो गया है कि वह, सिर्फ वोट पाने के लिए किसान, मजदूर व गरीब लोगों के हित की बात करते हैं.
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