एनसीटीइ द्वारा एक सत्र में सीटों की संख्या अधिकतम 100 रखने की इजाजत दी गयी है. इस तरह नए सत्र में नामांकन के लिए साढ़े सात हजार से ज्यादा छात्र-छात्रओं की निगाहें राजभवन पर टिकी हैं. ऐसे में अगर समय रहते दो वर्षीय बीएड कोर्स के लिए राजभवन की तरफ से एमयू के रेगुलेशन एंड ऑर्डिनेंस को स्वीकृति मिल जाती है, तो हजारों छात्र-छात्रओं का नामांकन चालू सत्र में हो पायेगा, अन्यथा सेशन लेट होने की आशंका के बीच छात्र-छात्राओं का दूसरे प्रदेशों में भी पलायन हो सकता है.
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बीएड में नामांकन का हो रहा इंतजार
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय कैंपस सहित तीन अंगीभूत कॉलेजों में चालू सत्र में बीएड में नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने का छात्र-छात्राओं को बेसब्री से इंतजार है. जुलाई से शुरू होने वाले नए सत्र में नामांकन की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है. अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित करने के बाद संयुक्त प्रवेश परीक्षा के […]
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय कैंपस सहित तीन अंगीभूत कॉलेजों में चालू सत्र में बीएड में नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने का छात्र-छात्राओं को बेसब्री से इंतजार है. जुलाई से शुरू होने वाले नए सत्र में नामांकन की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है.
अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित करने के बाद संयुक्त प्रवेश परीक्षा के जरिये चयनित छात्र-छात्रओं का ही नामांकन लिया जाता है. एमयू कैंपस स्थित शिक्षा विभाग के साथ-साथ एएम (बीएड) कॉलेज गया, एसएन सिन्हा कॉलेज औरंगाबाद व एएन कॉलेज पटना में भी बीएड की पढ़ाई होती है. इसके अलावा एमयू से संबद्धता प्राप्त 70 से ज्यादा निजी कॉलेजों में भी बीएड की पढ़ाई होती है. इन कॉलेज प्रबंधनों को भी नामांकन प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार है.
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