इमामगंज: बाराचट्टी थाने क्षेत्र में पिछले 17 मई को भाकपा-माओवादी एवं कोबरा के जवानों के बीच हुई गोलीबारी में महिला माओवादी सरिता गंझू की मौत के विरोध में माओवादियों द्वारा बुलाये गये दो दिवसीय बंद के पहला दिन सोमवार को इमामगंज थाना क्षेत्र में व्यापक असर दिखा. सड़कों पर वाहन व व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे. सरकारी व गैर-सरकारी कार्यालयों में और दिनों के अपेक्षा कर्मचारियों की उपस्थित कम रही. इमामगंज, रानीगंज, गंगटी, गुरिया आदि बाजारों में दुकानों में ताला लटका रहा. इमामगंज बाजार में सुबह से ही पुलिस बल गश्ती लगाते दिखे.
बांकेबाजार. शेरघाटी-इमामगंज मुख्य सड़क पर भी बंद का असर दिखा. इक्का-दुक्का वाहनों को छोड़ कर एक भी यात्री वाहन नहीं चले. पुलिस सतर्क थी, ताकि नक्सली कोई अप्रिय घटना को अंजाम न दे सकें. ,बांकेबाजार, चेगाई व विशनपुर आदि बाजारों में दुकानें पर सन्नाटा पसरा रहा.
डुमरिया. नक्सली बंद का असर पूरे प्रखंड क्षेत्र में दिखा. नारायणपुर, मैगरा, डुमरिया व मंझौलिया आदि में दुकानें बंद रहीं.
गुरारू. बिहार बंद का गुरारू प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न मार्गो पर बड़े व छोटे वाहनों की परिचालन ठप रहा. इसका फायदा ऑटो चालकों ने उठाया. गुरारू, मथुरापुर व रौना बाजार में दुकानें पूरी तरह बंद रहीं. रविवार की रात पुलिस बल के साथ थानाध्यक्ष रंजन कुमार गश्ती करते दिखे.
परैया. बंदी के दौरान परैया बाजार सामान्य रूप से खुला रहा. हालांकि, परैया-गया रोड पर कम संख्या में वाहन चले.
गुरुआ. बंद को लेकर स्थानीय प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखी. गुरुआ बाजार पूरी तरह से बंद रहा. बड़ी-छोटी गाड़ियों का परिचालन भी ठप रहा. बंद के कारण इस लगन में लोगों को काफी परेशानी हुई. बंद का कारोबार पर भी पड़ा. आमस थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर नक्सलियों द्वारा वाहनों के जलाने की खबर के बाद स्थानीय लोगों में बेचैनी साफ दिखी.